5 आसन जो आपको रखेंगे जिंदगी भर स्वस्थ्य

योग अब जीवन का हिस्सा बन चुका है, लेकिन उसके बावजूद कई लोगों को पता नहीं होता कि रोजाना आखिर कौन-सा आसन करें जिससे वे फिट रह सकें।

 

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उत्तानपादासन:  यह पेट के थुलथुलेपन को दूरकर मोटापा कम करता है। पेट की मांसपेशियों को मजबूती करता है। पाचन तंत्र को बेहतर करता है और दिल व फेफड़ों को स्वस्थ बनाए रखता है। लो ब्लड प्रेशर में लाभकारी है। बालों के झडऩे और सफेद होने से रोकने में भी मदद करता है।

सावधानी : कमर दर्द, हर्निया और हाई बीपी की स्थिति में इसे न करें। कटिचक्रासनशरीर की जकडऩ को दूर कर यह आसन कमर की मांसपेशियों में लचीलापन और मजबूती लाता है। इससे नर्वस सिस्टम बेहतर होता है। यह पैंक्रियाज़ पर असर डालता है, इसलिए डायबीटीज में लाभकारी है। साथ ही, किडनी, लिवर, आंतें, मलाशय, मूत्राशय आदि पाचन तंत्र के अंगों को मजबूत बनाने में मदद करता है।

 

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भुजंगासन : यह रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है। कमर दर्द, स्लिप डिस्क, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस और ऑस्टियोपॉरोसिस में लाभकारी है। लिवर, किडनी, फेफड़े और थायरॉइड ग्रंथि को बल देने वाला है।

सावधानी : हर्निया या पेट में अल्सर हो या फिर पेट की सर्जरी हुई हो तो न करें।

 

 

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मंडूकासन: पैंक्रियाज़ को सक्रिय कर इंसुलिन बनाने में मदद करता है। इससे शुगर लेवल कंट्रोल होता है। यह पाचन तंत्र को बल देकर उससे जुड़े रोगों को ठीक करने वाला है। कब्ज, गैस, डकार, भूख न लगना, अपच, लिवर की कमजोरी, स्त्री रोग, हर्निया और अस्थमा में लाभकारी है।

सावधानी : घुटनों में दर्द होने पर वज्रासन न करें। ऐसे में कुर्सी पर बैठकर यह आसन किया जा सकता है। अगर कमर दर्द रहता हो तो इस आसन में आगे न झुकें।

 

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त्रिकोणासन: यह कमर और गर्दन की मांसपेशियों को लचीला बनाकर उनकी ताकत बढ़ाता है। पैरों, घुटनों, पिंडलियों, हाथों, कंधों और छाती की मांसपेशियां लचीली बनी रहती हैं और कूल्हे की हड्डी को मजबूती मिलती है। पाचन तंत्र को बल मिलता है। कब्ज, गैस व डायबिटीज को दूर करने वाला है। शरीर को सुडौल बनाता है। नर्वस सिस्टम को स्वस्थ कर यह आसन मन व मस्तिष्क को बल देने वाला है। बच्चों की लंबाई बढ़ाने में भी यह विशेष सहायक है।

सावधानी : जितने आराम से कमर को आगे झुकाकर मोड़ सकें, उतना ही करें।

 

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ताड़ासन : ताड़ासन यह आसन शरीर को सुदृढ़ बनाता है। नर्वस सिस्टम को एक्टिव करता है और मांसपेशियों में लचीलापन लाता है। गर्दन दर्द व कंधे की जकडऩ, ऑस्टियोपोरोसिस, स्लिप डिस्क, गठिया और जोड़ों के दर्द में फायदेमंद है। साथ ही, शरीर को तरोताजा बनाए रखता है। दिन में जब भी थकान लगे, इस आसन को करके हल्कापन महसूस कर सकते हैं। बच्चों की लंबाई बढ़ाने वाला आसन है।

सावधानी : हड़बड़ाहट में न करें। पैरों पर बैलेंस बनाए रखें |

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