सफ़ेद मूसली पुरुष रोगों में रामबाण औषिधि

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वियाग्रा और जिन्सेंग से कहीं बढ़कर है भारतीय सफ़ेद मूसली. आयुर्वेद में सदियों से ही इसका उपयोग कमजोरी से ग्रस्त रोगियों के लिए किया जाता रहा है. मुसली के पौधे की जड़ मूसल के समान होती और इसका रंग सफ़ेद होता है इसलिए इसे मुस्ली या मूसली कहा जाता है। यह बहुत ही जानी मानी हर्ब है जिसे बहुत सी बिमारियों, मुख्यतः पुरूषों के यौन रोगों male sexual diseases, के उपचार में प्रयोग किया जाता है। इसका कोई साइड-इफेक्ट नहीं होता है। ये एक वाजीकारक aphrodisiac दवा है। सारी दुनिया में सफेद मूसली की बहुत मांग है।

भारत में आजकल इसकी बड़े पैमाने पर खेती भी होने लगी है. भारत में मुख्य रूप से इसकी खेती राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में की जाती है। मुसली की जड़ या कन्द को जमीन से खोद के निकला जाता है और साफ़ करके सुखा लिया जाता है। फिर इसका पाउडर बना कर दवा बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।

मुस्ली का पाक, चूर्ण, या अन्य जड़ी-बूटियों के साथ योग बनाकर प्रयोग किया जाता है :

वानस्पतिक नाम : Chlorophytum Borivilianum
पारिवारिक नाम : Liliaceae
दवा के रूप में हिस्सा इस्तेमाल : जड़, कन्द
पर्यावास : उत्तरी और पश्चिमी भारत
मुसली के प्रमुख घटक कार्बोहाइड्रेट (41%), प्रोटीन (8-9%), सैपोनिन (2-17%), फाइबर (4%), 25 से अधिक एल्कलॉइड, विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, स्टेरॉयड, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फिनोल, रेजिन, पोलीसेकराईडस आदि हैं. इसका प्रयोग विभिन्न शक्तिवर्धक दवाओं में, स्वास्थ्य और सेक्स टॉनिक आदि के निर्माण में होता है. इसमें सेक्स पॉवर बढ़ाने की क्षमता है।

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सफ़ेद मुस्ली के लाभ –

मुसली मधुर, रस्वाली, वीर्य वर्धक, पुष्टिकारक, उष्ण वीर्य और स्वाद में कडवी होती है।
यह एक उत्तम वाजीकारक और एंटीऑक्सीडेंट antioxidant है।
इसका सेवन शरीर में शक्ति, उर्जा, और बल को बढ़ता है।
यह मूत्रल diuretic है और शुक्र धातु को पुष्ट करती है।
यह इम्युनिटी immunity को बढ़ाता है।
इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं है।

अन्य लाभ –

यह नपुंसकता impotency, धातुक्षीणता, शीघ्रपतन premature ejaculation, यौनविकार sexual disorders, seminal diseases आदि को दूर करने की एक नेचुरल दवा है। यह डायबिटीस diabetes के बाद होने वाली नपुंसकता की शिकायतों में भी लाभप्रद है।

स्त्रियों में इसका प्रयोग सफ़ेद पानी/श्वेत प्रदर leucorrhoea के इलाज और दूध बढ़ने के लिये किया जाता है। प्रसव और प्रसवोत्तर समस्याओं के लिए एक उपचारात्मक रूप में भी इसका प्रयोग होता है। स्तनपान कराने वाली माताओं में दूध बढ़ाने के लिये।

परुषों के यौन रोग (इरेक्टाइल डिसफंक्शन erectile dysfunction, सूजाक sujak, इन्द्रिय शिथिलता, शीघ्रपतन, वीर्य क्षय, यौन दुर्बलता, कम शुक्राणु low sperm count) यौन प्रदर्शन में सुधार, कामोद्दीपक, सेक्स टॉनिक, सामान्य दुर्बलता (शारीरिक कमजोरी) और नपुंसकता impotency, तनाव, गठिया, मधुमेह, दस्त, पेचिश, पेशाब में दर्द (dysuria) आदि रोगों के लिए इसका उपयोग किया जाता है.

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प्रतिरक्षा-सुधार immunity improvement, टॉनिक, बॉडीबिल्डिंग में उपयोगी (useful in bodybuilding) संधिशोथ, मधुमेह, बवासीर और रजोनिवृत्ति सिंड्रोम के लिए उपयोगी।

सफ़ेद मुस्ली का प्रयोग और सेवन मात्रा.

मुसली के चूर्ण की सामान्य सेवन मात्रा 3-6 ग्राम ग्राम है. बहुत से रोगों के उपचार में इसकी 10-15 ग्राम की मात्रा भी दी जाती है. मूसली चूर्ण को मिश्री और दूध के साथ दिन में दो बार लिया जाता है. इसकी ताज़ा जड़ का रस 10-20 मिलीलीटर लिया जाता है।

सावधानियां

शरीर में यदि बहुत अधिक बलगम, छाती में जकड़न हो तो इसका प्रयोग न करें।

डॉक्टर से दवाई मंगवाने के लिए 9041-715-715 नंबर पर कॉल करें।