
मिल गया कैंसर का इलाज !
वैज्ञानिकों ने कैंसर जो कि लाखों लोगों को अपनी चपेट में लेने वाली जानलेवा बीमारी है , को खत्म करने वाले एक नये टीके को बनाने करने का दावा किया है | विज्ञान पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार जर्मनी के जोहानेस गुटेनबर्ग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर उगर साहिन के नेतृत्व में किये गये अनुसंधान के दौरान पता चला है कि यह टीका तेजी से बढ़ते हुए कैंसर के ट्यूमर से लड़ने में काफी सहायक होता है| टीके से कैंसर मरीज की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है और शरीर के अंदर मौजूद कैंसर के ट्यूमर का सर्वनाश हो जाता है | प्रोफेसर साहिन ने बताया कि इस टीके को जल्दी ही कम खर्च पर उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है | किसी भी कोशिका में तीन तरह के जैविक अणु पाये जाते हैं प्रोटीन, डी.एन.ए और आर.एन.ए.| यह प्रोटीन कोशिका में उत्प्रेरक और संरचनात्मक भूमिकायें निभाता है जबकि डी.एन.ए. और आर.एन.ए. वंशात्मक सूचनाओं को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाता है | शोधकर्ताओं ने टीके को तैयार करने के लिए सबसे पहले कैंसर के आर.एन.ए. कोड के कुछ हिस्सों को वसा के नैनोपार्टिकल्स में रखा और फिर इस मिश्रण को कैंसर के तीन वैसे मरीजों की रक्तधमनियों में डाला जो कैंसर के अंतिम चरण में थे |
इस टीके की वजह से कैंसर मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता ने कैंसर पर हमला करने वाले ‘किलर टी-सेल’ को बनाना शुरू कर दिया | टी-सेल दो तरह के होते हैं-किलर टी सेल और हेल्पर टी -सेल.
किलर टी-सेल एक तरह का सफेद रक्त कण होता है जो हमारे शरीर में भ्रमण करता रहता है और कोशिकाओं में किसी भी प्रकार के संक्रमण या असमान्यताओं की स्कैनिंग करता रहता है और उन कोशिकाओं को नष्ट कर देता है जो संक्रमित हैं या कैंसर से ग्रसित हो गई हैं |
एक शोध में टीके के बाद एक मरीज का ट्यूमर छोटा हो गया था तो दूसरा मरीज जिसका ट्यूमर ऑपरेशन के जरिये निकाला गया था, वह कैंसर मुक्त् हो गया तथा तीसरा मरीज जिसे आठ ट्यूमर थे, उसकी हालत स्थिर हो गयी | वैज्ञानिकों का दावा है कि इस टीके में एक खास तरह का प्रोटीन एंजाइम होता है, जो कैंसर की कोशिकाओं को भंगुर कर धीरे-धीरे उसे खत्म कर देता है |
उम्मीद जताई जा रही है कि इस टीके की सफलता के बाद कैंसर का इलाज और भी आसान हो जाएगा |