
आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको करने से आप मिर्गी जैसे भयानक तथा दर्दनाक रोग से छुटकारा पा सकेंगे। यह उपचार मिर्गी मरीजों के लिए बहुत लाभकारी हैं। इन सभी के लगातार उपयोग से आपको इस कष्ट साध्य रोग से छुटकारा पाने में बहुत सफलता मिलेगी।
चलिए जानते हैं इन उपायों के बारे में!!
1. मक्खन:-
- गाय के दूध से बनाया हुआ मक्खन मिर्गी में फ़ायदा पहुंचाने वाला उपाय है। दस ग्राम नित्य खाएं।
2. दूध और लहसुन:-
- 100 मिलि दूध में इतना ही पानी मिलाकर उबालें दूध में लहसुन की 4 कुली चाकू से बारीक काट कर डालें।
- यह मिश्रण रात को सोते वक्त पीएं।
- कुछ ही रोज में फ़ायदा नजर आने लगेगा।
3. पेठा:-
- पेठा मिर्गी की सर्वश्रेष्ठ घरेलू चिकित्सा में से एक है।
- इसमें पाए जाने वाले पौषक तत्वों से मस्तिष्क के नाडी-रसायन संतुलित हो जाते हैं।
- जिससे मिर्गी रोग की गंभीरता में गिरावट आ जाती है।
- पेठे की सब्जी बनाई जाती है लेकिन इसका जूस नियमित पीने से ज्यादा लाभ मिलता है।
- स्वाद सुधारने के लिये रस में शकर और मुलहटी का पावडर भी मिलाया जा सकता है।
4. तुलसी:-
- प्रतिदिन तुलसी के 20 पत्ते चबाकर खाने से रोग की गंभीरता में गिरावट देखी जाती है।
5. बकरी का दूध तथा मेहंदी:-
- मिर्गी रोगी को 250 ग्राम बकरी के दूध में 50 ग्राम मेंहदी के पत्तों का रस मिलाएं।
- इसे रोज़ाना प्रात: दो सप्ताह तक पीने से दौरे बंद हो जाते हैं।
6. मानसिक तनाव:-
- मानसिक तनाव और शारिरिक अति श्रम रोगी के लिये नुकसान देह है। इनसे बचना जरूरी है।
7. विटामिन बी6:-
- विटामिन बी6(पायरीडाक्सीन) का प्रयोग भी मिर्गी रोग में परम हितकारी माना गया है।
- यह विटामिन गाजर,मूम्फ़ली,चावल, हरी पतीदार सब्जियां और दालों में अच्छी मात्रा में पाया जाता है।
- 150-200 मिलिग्राम विटामिन ब 6 लेते रहना अत्यंत हितकारी है।
8. मिट्टी:-
- मिट्टी को पानी में गीली करके रोगी के पूरे शरीर पर प्रयुक्त करना अत्यंत लाभकारी उपचार है।
- एक घंटे बाद नहालें।
- इससे दौरों में कमी होकर रोगी स्वस्थ अनुभव करेगा।
9. मेग्नेशियम सल्फ़ेट:-
- एप्सम साल्ट (मेग्नेशियम सल्फ़ेट) मिश्रित पानी से मिर्गी रोगी स्नान करें।
- इस उपाय से दौरों में कमी आ जाती है और दौरे भी ज्यादा भयंकर किस्म के नहीं आते है।
10. अंगूर:-
- अंगूर का रस मिर्गी रोगी के लिए अत्यंत लाभकारी उपचार माना गया है।
- आधा किलो अंगूर का रस निकालकर प्रात:काल खाली पेट लेना चाहिए।
- यह उपचार करीब 6 माह करने से आश्चर्यकारी सुखद परिणाम मिलते हैं।