जानिए, गोरखपुर में मासूम बच्चों की जान लेने वाले मस्तिष्क ज्वर(Encephalitis) के बारे में !!

मच्छर जनित बीमारियों में एक्यूट इंसेफ़्लाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome), जापानी इंसेफ़्लाइटिस (Japanese Encephalitis) तथा मेननजाइटिस (Meningitis) जैसे रोग सबसे प्राणघातक हैं। इस रोग को साधारण भाषा में दिमाग़ी बुखार अथवा मस्तिष्क ज्वर भी कहा जाता है। इस रोग से अपंगता जैसी समस्या भी हो सकती है। ज़्यादातर यह रोग 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में पाया जाता है, परन्तु आज कल 15 वर्ष से कम आयु के बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। जिसकी ताज़ा उदाहरण भारत के उत्तरप्रदेश में हाल ही के कुछ दिनों में देखने को मिली है। धान की खेती के समय उक्त क्षेत्र में दिमागी बुखार होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में आवश्यक है कि आप चिकित्सक की सलाह से टीकाकरण करवाएँ तथा सावधानी रखें। एक अनुमान के अनुसार भारत में 182 ज़िले इस बीमारी की चपेट में हैं।

 इस रोग के प्रकार:-

1. घातक जापानी इंसेफ़्लाइटिस:

  • जब किसी व्यक्ति को क्यूलेक्स मच्छर काट लेता है तो उसको जापानी इंसेफ़्लाइटिस या जेई हो जाता है।
  • इसे मस्तिष्क ज्वर भी कहते हैं। इससे प्रभावित व्यक्ति के मस्तिष्क के अंदर पेरेनकाइमा (Brain Parenchyma) में सूजन हो जाती है।
  • जिससे ब्रेन स्टेम और थैलमा को नुक़सान होता है। जिस कारण रोगी कोमा में भी जा सकता है।
  • इस बीमारी में ऑर्गन फेलियर का डर रहता है, जिससे पीड़ित की मृत्यु भी हो सकती है।

2. घातक एईएस और मेननजाइटिस:

  • मेननजाइटिस और एईएस भी एक तरह का मस्तिष्क ज्वर होता है।
  • इस तरह का बुखार पीड़ित व्यक्ति के मस्तिष्क की कार्य प्रणाली या उसकी जागरुकता को 14 दिन में प्रभावित कर देता है।
  • लेकिन जब ब्रेन की परत कार्टिक्स में सूजन आ जाए तो इसे मेननजाइटिस कहते हैं।

मस्तिष्क ज्वर रोग होने के कारण:-

  1. एईएस मस्तिष्क ज्वर का प्रमुख कारण होता है।
  2. इसी के दूसरे प्रकार जेई और मेननजाइटिस हैं।
  3. यह बीमारी वायरस, बैक्टीरिया और संक्रमण से होती है।

इस रोग के लक्षण:-

तेज़ बुखार आंखें चढ़ जाना मुंह से झाग निकलना
सिर  दर्द लाल आंखें झटके लगना
सांस लेने में दिक्कत थकान बेहोशी
दांत बंध जाना चिड़चिड़ापन हाथों पैरों में अकड़न आदि

मस्तिष्क ज्वर की जांच:-

  1. दिमाग़ी बुखार की पुष्टि के लिए ख़ून की जांच और सीएसएफ़ की जांच की जाती है।
  2. ब्रेन का सीटी स्कैन कराना बहुत आवश्यक है।
आप भी इस बीमारी से सतर्क रहें और लोगों के साथ इस पोस्ट को शेअर करके उनमें चेतना जागृत करें।

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