
यूरिक एसिड के देशभर में बढ़ने की परेशानी बहुत ही तीव्रता से बढ़ती जा रही है। उम्र के बढ़ने के साथ-साथ आर्थराइटिस, गाउट तथा यूरिक एसिड जैसी परेशानी का होना तीव्रता से मापा गया है। यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या का यदि समय पर उपचार ना किया जाए, तो किड़नी स्टोन, गठिया रोग, रक्त विकार, जोड़ों-गाठों का दर्द, मधुमेह इत्यदि जैसी परेशानियाँ होने की संभावनाएं अधिक बढ़ जाती हैं। जिसके कारण रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा को नियत्रंण करना अति जरूरी है। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिनको मान कर आप इस समस्या से छुटकारा पा सकेंगे।
चलिए जानते हैं इस रोग के बारे में !!
यूरिक एसिड के लक्षण:-
- एक स्थान पर अधिक समय तक बैठने उपरांत उठने में पैरों की एड़ियों में सहनीय दर्द महसूस होना तथा फिर कुछ समय बाद सामन्य हो जाना।
- जोड़ों में सुबह-शाम तीव्र दर्द कम-अधीक होना।
- गांठों में सूजन ।
- पैरों, जोड़ो, उगलियों, गांठों में सूजन होना।
- पैरों, जोड़ों तथा एडियों में दर्द होना।
- शकर्रा का लेवल बढ़ जाना। इस तरह की किसी भी परेशानी के होने पर तुरन्त यूरिक एसिड की जांच करवाएँ।
यूरिक एसिड की समस्या में परहेज़:-
- रेड मीट बिल्कुल ना खाएं। इससे दूर रहें।
- शराब से परहेज़ करें।
- कैफीन युक्त आहार ना लें।
उपचार के लिए उपाय तथा आहार:-
- दिन में खूब सारा पानी पीएँ।
- खाने में विटामिन सी युक्त चीज़ों का सेवन करें।
- अपने भोजन में अजवाइन का प्रयोग करें। अजवाइन, यूरिक ऐसिड कम करने का आयुर्वेदिक उपाय है।
- नारियल पानी पीने से बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर कम होता है।
- कम फैट (वसा) वाला दूध, दही तथा अन्य डेरी प्रॉडक्ट्स लें। इससे यूरिक एसिड का स्तर कम होता है।
- नींबू विटामिन सी से भरपूर होता है, इसलिए यूरिक ऐसिड को कम करने के लिए नींबू पानी ज़रूर पिए। यह यूरिक ऐसिड कम करने का देसी इलाज है।
- गठिया का रोग दूर करने के लिए फ्रेंच बीन्स का जूस बहुत ही लाभदायक होती हैं। इन से शरीर में यूरिक एसिड घटता है। यह बहुत ही लाभदायक घरेलू उपाय है।