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हर माँ की इच्छा होती हैं कि उसकी संतान गौरी, सुन्दर तथा तंदुरुस्त हो। सब चाहते है कि उनकी संतान सुन्दर हो गोरी हो हष्टपुष्ट हो परन्तु अधिकतर लोगों को भर्म है कि संतान का गोरी होना अनुवांशिक है। यदि माता पिता गोरे रंग के होंगे तो उनकी संतान भी गोरी होगी। कुछ लोग संतान के गोरा होने को भाग्य पर निर्भर समझते हैं। परन्तु ऐसा नहीं है यदि माँ को गौरी, सुन्दर और तंदुरुस्त चाहिए, तो उन्हें कुछ बातो का ख़ास ध्यान रखने आवश्यकता है। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपायों तथा सावधानियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको करने से आपको स्वस्थ तथा सुन्दर संतान की प्राप्ति हो सकती है।
चलिए जानते हैं इन उपायों बारे में!!
गर्भावस्था ध्यान रखने तथा किए जाने वाले उपाय:-
- रोजाना नाश्ते में आंवले का एक मुरब्बा खाते रहने से बच्चा गोरा और स्वस्थ और माँ स्वयं भी स्वस्थ रहेगी।
- गर्भवती स्त्री को यदि नियमित रूप से 60 ग्राम की मात्रा में ताज़ा अंगूरों का रस दिन में दो बार देने से गर्भस्थ, दांत का दर्द, मरोड़, सूजन, अफरा और कब्ज आदि भी नही होती है।
- गर्भवस्था में नो माह तक नित्य भोजन के बाद सोंफ चबाते रहने से संतान गौरवर्ण ही होती है।
- गर्भधान का पता चलते ही आधा से एक ग्राम असली वंशलोचन का चूर्ण रात्रि सोने से पहले प्रथम तीन-चार महीने दूध के साथ निरंतर लेते रहने से बच्चा गोरा पुष्ट उत्पन्न होता है, माँ स्वस्थ और ताकतवर रहती है और गर्भपात का भी डर नही रहता। सहायक उपचार के रूप में यदि वंशलोचन के सेवन के दिन में जितनी खा सकें, रुचिपूर्वक कच्चे नारियल की गिरी, मिोश्री के संग चब चबाकर खाते रहने से संतान का वर्ण अवश्य गोरा होगा, साथ ही वह सुंदर और हष्ट पुष्ट होगी और गर्भवती स्त्री की कमजोरी दूर होगी।
- गर्भवती स्त्री को पहले महीने से आठवे महीने तक रोजाना दो संतरे दोपहर को खिलने से बच्चा सुंदर और गौरवर्ण अर्थात गौरा होता है।