
गर्भावस्था में है हरी चाय बेहद फायदेमंद..
गर्भ में पल रहे शिशु को मां के आहार से ही पोषण मिलता है। मां के स्वास्थ्य का प्रभाव ही बच्चे के स्वास्थ्य व वज़न पर पड़ता है। इसलिए मां का आहार अच्छा होना चाहिए।
हरी चाय दुनिया की सबसे लोकप्रिय चाय में से एक है। हालांकि हरी चाय के साथ-साथ नींबू वाली चाय भी बहुत फायदेमंद होती है। लेकिन हरी चाय एंटी-एजिंग के साथ-साथ एंटी-ऑक्सीडेंट का काम भी करती है।
हरी चाय कैमेलिया साइनेन्सिस पौधे की पत्तियों से बनायी जाती है। जो कच्चे पत्तों से बनती है। और इसकी चाय सीधे पत्तों को तोड़कर भी बना सकते हैं। हरी चाय अगर बिना दूध और चीनी के पी जाए तो काफी फायदेमंद होती है। हरी चाय में कैलोरी भी नहीं होती है।
अति व्यस्तता के कारण नियमित व्यायाम न कर पाने वाले लोगों के लिये हरी चाय का नियमित सेवन काफी लाभदायक सिद्ध होता है। गर्भावस्था की योजना के तहत यानी गर्भधारण के बाद हरी चाय बहुत फायदेमंद होती है। आइए जानें गर्भावस्था में हरी चाय के फायदों के बारे में।
गर्भावस्था में हरी चाय के फायदे
- ग्रीन चाय गर्भावस्था के दौरान शरीर में लौह, कैल्शियम और मैग्नेशियम की मात्रा की पूर्ती करती है।
- आमतौर पर रात को सोते समय और भूख लगने पर कैफीन नहीं पीना चाहिये। रात को पीने से यह भूख बढ़ाता है और नींद भी ठीक से नहीं आती लेकिन इसके विपरीत गर्भावस्था के दौरान भी रात में हरी चाय पी सकते हैं, क्योंकि इसमें कैफीन की मात्रा कम होती है।
- हाल में हुए शोधों से पता चला है कि हरी चाय बहुत सी कैंसर जैसी भयावह बीमारियों से भी बचाती हैं।
- गर्भावस्था के दौरान हरी चाय रोगों से लड़ने का ना सिर्फ एक अच्छा उपाय है बल्कि इसमें सम्भावित रोगों से लड़ने की शक्ति भी है। यानी गर्भावस्था के दौरान होने वाली किसी भी संक्रमित बीमारी से बचाने का काम हरी चाय करती है।
- गर्भावस्था के दौरान दांतों और मसूड़ों की कई तरह की समस्याएं हो जाती हैं और कई अध्ययनों के अनुसार दांतों के लिए ग्रीन-टी काफी लाभदायक है।
- गर्भावस्था के दौरान तरोताजा महसूस करवाने और चुस्त-दुरूस्त रखने में हरी चाय फायदेमंद है।
इसके अलावा भी हरी चाय के बहुत फायदे है। यदि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाएं हरी चाय लेंगी तो उनको फायदा ही होगा।