
गुलाब सिर्फ एक बहुत खुबसूरत फूल ही नहीं है बल्कि यह कई तरह के औषधिय गुणों से भी भरपूर है। गुलाब की खुश्बु ही नहीं इसके आंतरिक गुण भी उतने ही अच्छे हैं। गुलाब के फूल में कई रोगों के उपचार की भी क्षमता है। गुलकंद को नियमित खाने पर पित्त के दोष दूर होते हैं तथा इससे कफ में भी राहत मिलती है। गर्मियों के मौसम में गुलकंद कई तरह के फायदे पहुंचाता है। गुलकंद कील मुहांसो को दूर करता है अरु रक्त शुद्ध करता है, हाजमा दुरुस्त रखता है और आलस्य दूर करता है। मुंह का अल्सर दूर करने के लिए भी गुलकंद खाना फायदेमंद होता है। इसलिए आज हम आपको एक ऐसे उपाय के बारे में बताएं जा रहे हैं, जिसको करने से आप अपने घर पर स्वयं ही गुलकंद तैयार कर पाएंगे।
चलिए जानते हैं इस औषधि के बारे में !!
आवश्यक समाग्री:-
- पिसा सौंफ
- पिसी छोटी इलायची – एक छोटा चम्मच
- ताजी गुलाब की पंखुडियां
- बराबर मात्रा में पीसी हुई मिश्री
बनाने की विधि:-
- गुलाब की ताजी तथा खुली पंखुड़ियाँ लें।
- कांच की बडे मुंह की बोतल लेकर इसमें थोड़ी पंखुड़ियाँ डालें।
- अब पीसी हुई मिश्री डालें।
- फिर पंखुडियां और उसके बाद मिश्री।
- इसके बाद एक छोटा चम्मच पिसी छोटी इलायची तथा पीसी हुई सौंफ डालें।
- इसके उपर से और पंखुडियां डालें तथा फिर से मिश्री डालें।
- इस प्रकार से डब्बा पूरा भर जाने तक कर्म दोहराते रहें।
- डिब्बा भर जाने पर इसे 8-10 दिनों के लिए धूप में रख दें।
- बीच-बीच में इसे चलाते-हिलाते रहें।
- मिश्री पानी छोडेगी तथा उसी मिश्री के पानी में पंखुडियां गलेंगी। आपको अलग से पानी नहीं डालना है।
- जब सारी पंखुड़ियाँ पूरी तरह गल जाए, अर्थात सब एक सार हो जाए, तब आपका गुलकंद तैयार हो जाएगा।
गुलकंद के लाभ:-
1. रोग प्रतिरोधक क्षमता:-
- गुलकंद में अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स हैं जो शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाते हैं और थकान दूर करते हैं।
- आपकी त्वचा के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है।
- इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण हैं जो त्वचा की समस्याओं को दूर करते हैं और त्वचा हाइड्रेट रहती है।
2. शरीर का तापमान तथा चुस्ती:-
- गर्मियों के मौसम में गुलकंद कई तरह के फायदे पहुंचाता है।
- हाजमा दुरुस्त रखता है और आलस्य दूर करता है।
- गुलकंद शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और कब्ज को भी दूर करता है।
- सुबह-शाम एक-एक चम्मच गुलकंद खाने पर मसूढ़ों में सूजन या खून आने की समस्या दूर हो जाती है।
- पीरियड के दौरान गुलकंद खाने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
- मुंह का अल्सर दूर करने के लिए भी गुलकंद खाना फायदेमंद होता है।
3. पेट के रोग व अल्सर:-
- गुलकंद लेने से पेट के रोग व अल्सर, कब्ज आदि समस्याएं खत्म हो जाती हैं।
- रोजाना चम्मचभर गुलकंद खाने से आँखों की रोशनी ठीक रहती है।
- गुलकंद के नियमित सेवन से इसके पाचन के बाद बनने वाला रस आँतों के लिए बहुत हितकर होता है।
- पाचन क्षमता में सुधार, चयापचय क्रिया का नियमन, रक्तशोधन करने के लिए गुलकंद फायदेमंद होता है।
4. फुंसियाँ:-
- गर्मी के कारण चेहरे पर उत्पन्न छोटी-छोटी फुंसियाँ (एक्ने) गुलकंद के सेवन से धीरे-धीरे दूर होने लगते हैं।
- बच्चों में कृमि कष्ट (पेट में कीड़े) होने पर बाइविडिंग का चूर्ण गुलकंद में मिलाकर एक-एक चम्मच सुबह-शाम 15 दिनों तक देने से कृमि कष्ट से मुक्ति मिल जाती है।
5 . हृदय रोग:-
- दिल की बीमारी में अर्जुन की छाल और देसी गुलाब मिलाकर उबालें और पी लें, हृदय की धडकन अधिक हो तो इसकी सूखी पंखुडियां उबालकर पीएं।
- आँतों में घाव हो तो 100 ग्राम मुलेटी ,50 ग्राम सौंफ ,50 ग्राम गुलाब की पंखुडियाँ तीनों को मिलाकर 10 ग्राम की मात्रा में लें।
- इसका 100 ग्राम पानी में काढ़ा बनाकर पीएं।
6. विटामिन की पूर्ति:-
- गुलकंद में विटामिन सी, ई और बी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं।
- भोजन के बाद गुलकंद का सेवन भोजन को पचाने के लिए फायदेमंद है और इसके सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं दूर रहती हैं।
7. डिहाइड्रेशन:-
- गुलाब से बने गुलकंद में गुलाब का अर्क होता है जो शरीर को ठंडक पहुंचाता है।
- यह शरीर को डीहाइड्रेशन से बचाता है और तरोताजा रखता है।
- यह पेट को भी ठंडक पहुंचाता है।
- गर्मी के दिनों में गुलकंद स्फूर्ति देने वाला एक शीतल टॉनिक है।
- जो गर्मी से उत्पन्न थकान, आलस्य, मांसपेशियों का दर्द और जलन आदि कष्टों से बचाता है।