मेंहदी के बारे में तो आप सभी जानते हैं कि यह कई तरह से काम आती है। मेंहदी सौंदर्यवर्धक और मंगल कामों की प्रतीक होती है। भारत में पुराने समय से ही मेंहदी का इस्तेमाल होता आया है। यह कई नामों से भी जानी जाती है जैसे मेंदी, नखरंजनी और हीना आदि। मेंहदी का पौधा पांच से छः फीट तक लंबा होता है। मेंहदी के पत्तों को सुखाकर इसके चूर्ण को बाजार में बेचा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं मेहंदी आपको कई गंभीर बीमारियों से भी बचा सकती है।
चलिए जानते हैं मेहंदी के स्वास्थ्य लाभों के बारे में!!
1. खूनी दस्त:-
- खूनी दस्त के उपचार के लिए मेंहदी के बीजों लें।
- इन्हें कूट कर घी के साथ कम से कम 4 ग्राम की मात्रा में रोगी को खिलाएं।
- इस उपाय को सुबह-शाम करने से इस परेशानी में राहत मिलती है।
2. पैरों की जलन:-
- अक्सर गर्मियों के दिनों में पैरों में जलन होने लगती है।
- ऐसे में पैरों पर मेंहदी के लेप को लगाने से आराम मिलता है।
3. पीलिया तथा माइग्रेन:-
- पीलिया से ग्रसित रोगी के इसके लिए रात में 200 ग्राम पानी में 100 ग्राम मेंहदी के पत्तों को कूटकर भिगों लें।
- अगली सुबह के समय इसे छान कर पीएँ।
- लगभग 1 सप्ताह तक इस उपाय को नियमित करें।
- जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या है, इस उपाय को करने से वह भी ठीक हो जाती है।
4. कुष्ठ रोग:-
- कुष्ठ रोग की समस्या होने पर रात में 300 ग्राम पानी में 100 ग्राम मेहंदी के पत्तों को पीस कर भिगों लें।
- सुबह इन्हें अच्छे से मसल कर छान लें। फिर इसको पीएँ।
5. उच्च रक्तचाप:-
- उच्च रक्तचाप से परेशान लोगों के लिए मेंहदी किसी औषधि से कम नहीं है।
- मेहंदी के ताज़ा पत्तों को अच्छे से पीस कर इसका लेप अपने पैरों के तलवों तथा हथेलिओं में लगाएं।
- इससे आपको उच्च रक्तचाप की समस्या में लाभ मिलेगा।
6. पैरों की बिवाई फटने तथा हथेलियों के लिए:-
- यदि पैरों की बिवाई फट गई हो, तो आप हरी दूब के साथ मेहंदी के पत्तों को पीस लें।
- जब यह पेस्ट बन जाए।
- तो इसे आप अपने पैरों तथा हाथों पर लगाएं।
7. आग से जल जाने पर:-
- आग से यदि कोई अंग आग से जल जाए, तो मेंहदी के पत्तों का गाढ़ा लेप तैयार करें।
- इस लेप को जले हुए स्थान पर लगाएं।
- इससे जलन तुरन्त शांत हो जाती है तथा घाव भी तेज़ी से भर जाता है।
8. मुंह के छाले:-
- मुंह के छालों को मेहंदी बड़ी आसानी से दूर करती है।
- मेहंदी के पत्तों को चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
9. गुर्दे के रोग और पथरी के लिए:-
- 1/2 लीटर पानी में 50 ग्राम मेंहदी के पत्तों को पीस कर मिलाएं तथा इसे उबाल लें।
- उबलने के पश्चात जब 100 ग्राम पानी बच जाए, तब इसे छान लें।
- इसको गुनगुना करके ही रोगी को पिलाएं।
- इस उपाय से गुरदे के रोग ठीक हो जाते हैं।
10. मिरगी रोग:-
- मिरगी के रोग में भी मेंहदी बहुत लाभदायक होती है।
- 20 ग्राम मेहंदी के ताज़ा पत्तों का रस को 200 ग्राम गाय के दूध के साथ पीना चाहिए।
- इस उपाय से मिरगी रोग में लाभ मिलता है।
11. चर्म रोग में मेंहदी:-
- चर्म रोग को जड़ से ख़त्म करने के लिए मेंहदी के पेड़ की छाल का काढ़ा बनाए।
- इसका सेवन कम से कम 40 दिनों तक करें।
- परन्तु इस बात का ध्यान जरूर रखें, कि आपको इन दिनों में अपनी त्वचा पर साबुन का प्रयोग नहीं करना है।
- अपने खाने में दूध से बनी खीर का सेवन ही करें।
डॉक्टर से दवाई मंगवाने के लिए 9041-715-715 नंबर पर कॉल करें।
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