कैसे करें हृदयघात की रोकथाम ?

हृदय घात अर्थात हार्ट अटैक आज कल तीव्रता से बढ़ता जा रहा है। अनियमित जीवनशैली, शारीरिक श्रम में कमी, अलग-अलग प्रकार के खाद्य पदार्थो का सेवन, मानसिक तनाव आदि हृदय घात के मुख्य करण हैं। जहां आजकल हृदयघात के निदान के लिए आधुनिक बाईपास सर्जरी, पेसमेकर जैसे अनेक महंगे सुविधाएं हैं जो आम व्यक्ति के वश से बाहर है। इसलिए आज हम आपको एक ऐसे घरेलू उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसको करने से आप इस समस्या से छुटकारा पा सकेंगे। यह उपाय आपके हृदय को तंदरुस्त कर हृदयघात की समस्या खत्म करता है और साथ ही पेट की परेशानियों को भी दूर करता है।

चलिए जानते हैं इस घरेलू उपाय के बारे में !!

आवश्यक सामग्री:-

  • घीया/लौकी
  • सेंधा नमक – 1 ग्राम
  • काली मिर्च – 4
  • पुदीने की पत्तियां – 4 या 6
  • तुलसी के पत्ते – 8

बनाने की विधि:-

  • सर्व प्रथम घीया/लौकी को छिलके समेत धो कर कश लें।
  • अब इस कशी हुई लौकी को ग्राइंडर में डाल कर पीस लें।
  • घीया को पीसते समय इसमें पुदीने तथा तुलसी की पत्तियां भी मिला दें।
  • इस उपरांत पीसे हुए घीया को एक कपड़े से छान कर इसका रस निकाल लें।
  • फिर इसमें पानी मिलाएं।
  • इस रस में सेंधा नमक तथा 4 काली मिर्च का चूर्ण कर मिला दें।
  • अंत में आपका आयुर्वेदिक रस तैयार है।

सेवन की विधि:-

  • इस रस का भोजन करने के 1/2 घंटे के बाद सुबह, दोपहर तथा रात को तीन बार सेवन करें।
  • शुरु में 2-3 दिन रस की मात्र को कम भी ले सकते हैं।
  • ध्यान रहे रस हमेशा ताजा लें।
  • प्रारम्भ में पेट में कुछ गड़गड़ाहट हो तो परेशान न हों।
  • घीया का रस पेट के विकारों को दूर करता है।
  • घीया पहले पांच दिनों तक लगातार लेना चाहिए।
  • फिर 26 दिन का अंतराल देकर फिर 5 दिन तक लगातार लें।
  • इसे कम से कम 3 महीनों तक लेना होगा।

सावधानियाँ:-

  • उपचार के दौरान खट्टे फलों, टमाटर, नीबूं आदि का सेवन न करें।
  • हृदयरोगियो को मदिरा, धूम्रपान और मांस आदि का पूरी तरह से परहेज रखें।
  • सुबह ज्ल्दी उठकर 4-5 किलोमीटर हल्के चलें।

डॉक्टर से दवाई मंगवाने के लिए 9041-715-715 नंबर पर कॉल करें।