
मनुष्य के शरीर में मौजूद थाइरोइड ग्रंथि के असंतुलित होने से शरीर अंदरूनी अवयवों की क्रिया बाधित होती है, जिससे शरीर की वसा(चर्बी) बढ़ने लग जाती है तथा यह वसा उन अवयवों की जगह घेर लेती है। जिसके बाद यह भोजन से पौष्टिक तत्व लेने तथा कार्य एवं संचरण करने की समर्थ को कम कर देती है। थाइरोइड ग्रंथि शरीर में हॉर्मोन का निर्माण कम करने लगती है, जिससे कोशिकाओं का विभाजन तेज़ हो जाता है, इससे कोशिकाओं की संख्या बढ़ जाती है, इस कारण से मोटापा बढ़ने लगता है। वसा के कारण हमारे शरीर के अंदर तंतुओं की मलिनता खून में मिलकर बाहर नहीं निकल पाती, जिससे मोटे व्यक्ति का जीवन काल कम होता जाता है।
थायरोइड के लिए घरेलु उपचार:-
- धनिया: थाइरोइड में धनिया बहुत लाभकारी होता है। यह थाइरोइड को ठीक करता है। इसको चटनी बना या सब्जी में डालकर नित्य खाएं।
- अनन्नास: अनन्नास का रस और अनन्नास खाने से थाइरोइड में बहुत लाभ होता है, इससे थाइरोइड में बढ़ा हुआ मोटापा कम होता है।
- त्रिकुट चूर्ण: सोंठ, काली मिर्च और छोटी पिप्पली के समान मात्रा में मिलाने से बनाया जा सकता है अथवा यह बाज़ार में बना बनाया मिल सकता है। त्रिकुट चूर्ण, बहेड़ा चूर्ण और प्रवाल पिष्टी चूर्ण को क्रमश: 5:2:1 के अनुपात में मिलाकर प्रतिदिन सुबह तथा शाम शहद या गुनगुने पानी से एक ग्राम मात्रा में लेने से थाइरोइड रोग में लाभ मिलता है।
- गले व गर्दन पर सौंठ चूर्ण या अदरक पीसकर लेप करते रहें।
- लहसुन, प्याज, गाजर, मशरूम, सिंघाड़ा तथा अन्य समुद्री खाद्यों का प्रयाप्त मात्रा में सेवन करें। ये थाइरोइड ग्रंथि को सक्रिय करते हैं जिससे शरीर की स्थूलता नष्ट होती है।
थाइरोइड के लिए प्राकृतिक चिकित्सा:-
- थाइरोइड रोग में गले के अग्रभाग, कंठ के नीचे गले पर सूती गीली पट्टी (पानी में भिगोकर, निचोड़कर) लपेट दें।
- उसके ऊपर ऊनि पट्टी की लपेट दें। यह लपेट 15 से 30 मिनट तक दें।
- तीन दिन रसाहार देकर उपवास कराएं।
- अगर गेंहू के जवारों का रस पीया जाए तो ये थाइरोइड में सब से बेस्ट है।
- प्राणायाम भी करें। विशेषकर उज्जायी प्राणायाम बहुत लाभकारी है थाइरोइड में।
- इससे थाइरोइड ग्रंथि पुन: सक्रिय होकर दोष रहित होने लगती है।