
थोड़ा(बूँद-बूँद) करके अथवा बार-बार पेशाब(मूत्र) आना अत्यधिक तकलीफदेह परेशानी है। इस परेशानी के कारण कई लोग परेशान होते हैं। यह बहुत से कारणों के कारण हो सकता है। परन्तु ऐसी स्थिति में पीड़ा असहनीय होती है था आपके मूत्राशय में दर्द व जलन भी होती है। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलु उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको करने से आप इस बीमारी को ठीक सकेंगे।
तो चलिए जानते हैं इन उपायों के बारे में:-
- जवाखार और मिश्री तीन तीन ग्राम ताजे जल के साथ कुछ दिन लेने से बहुमूत्र का रोग समाप्त हो जाता है।
- बार-बार पेशाब आने के इलाज के लिए 5 ग्राम आंवले के रस में हल्दी की चुटकी घोल लें तथा उसमें 5 ग्राम शहद मिलाकर पी लें। इससे आपको थोड़ी-थोड़ी सी देर में पेशाब का आना बंद हो जाएगा।
- बहुमूत्र में बबूल का गोंद घी मे भून कर मक्खन के साथ सुबह को खाने से फ़ायदा होता है।
- अदरक का ताजा रस सेवन करने से रुका हुआ मूत्र जल्दी बाहर निकल जाता है,साथ ही बहुमूत्र की शिकायत भी दूर होती है।
- जामुन की गुठली एवं बहेडे का छीलका दोनो बारीक पीस लें आठ दिन तक चार ग्राम रोज पानी के साथ लें,बार बार पेशाब आना बंद हो जायेगा।
- कलमी शोरा दस ग्राम दूध दो सौ पचास ग्राम और पानी एक किलो इन सबकोमिलाकर दिन में दो बार पियें पेशाब खुलकर आयेगा बहुमूत्र रोग ठीक होजायेगा।
- राई काले तिल कलमी शोरा टेसू के फ़ूल एवं दालचीनी सभी को सम भाग मेंलेकर चूर्ण बना लें,रोज दो ग्राम सुबह शाम शहद के साथ खाने पर बहुमूत्र रोगसे मुक्ति मिलती है।
- मूली के नियमित प्रयोग से बहुमूत्र में आराम मिलता है।
- पिस्ता छ: दाने मुनक्का तीन दाने और काली मिर्च तीन दाने इन्हे सुबह शाम चबाकर पंद्रह दिन खाने से पेशाब बार बार नही आयेगा।
- काले तिल भुने हुए आधा किलो + आंवला १५० ग्राम इन दोनो में आवश्यकतानुसार देसी गुड(गन्ने का) मिला कर १५ या २० ग्राम के लड्डू बना लें। सुबह-शाम सेवन करें और इसे खाने के आधे घंटे तक पानी न पियें। बस आपकी समस्या जादू की तरह से गायब हो जाएगी।
- यदि बून्द-बून्द कर के पेशाब आने से परेशान हैं, तो आंवले के सूखे चूर्ण को गुड के साथ मिला कर इसका सेवन करने से पेशाब खुलकर आता है।