
पुरे विश्व में मधुमेह(डाइबिटीज) के मरीजों का तेज़ी से बढ़ती संख्या एक चिंता का विषय बनी हुई है। इसलिए आज हम मधुमेह से ग्रस्त व्यक्तिओं के लिए कुछ घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं। परन्तु इनमें से किसी भी उपाय को आजमाने से पूर्व आप अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।
1. भूख मिटाने के लिए खाएँ खीरा:-
- मधुमेह के मरीजों को भूख से थोड़ा कम तथा हल्का भोजन खाने की सलाह दी जाती है।
- ऐसा करने से बार-बार भूख लगती है।
- ऐसी स्थिति में खीरा खाकर अपनी भूख मिटानी चाहिए।
2. करेला:-
- प्राचीन काल से करेले मधुमेह के इलाज में रामबाण माना जाता रहा है।
- इसके कड़वे रस के सेवन से रक्त में शर्करा की मात्रा कम होती है।
- मधुमेह के रोगी को प्रतिदिन करेले के रस का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
- इससे आश्चर्यजनक लाभ प्राप्त होता है।
- नवीन शोधों के अनुसार उबले करेले का पानी मधुमेह को शीघ्र और स्थाई रूप से खत्म करने की क्षमता रखता है।
3. नींबू से प्यास बुझाइए:-
- मधुमेह के मरीजों को प्यास ज्यादा लगती है।
- अतः बार-बार प्यास लगने पर पानी में नींबू निचोड़कर पीएं।
- इससे प्यास कम लगती है तथा वह स्थाई रूप से शांत होती है।
4. मेथी भी है इलाज:-
- मधुमेह के उपचार के लिए मेथी के दानों का प्रयोग भी किया जाता है।
- अब तो बाजार में दवा कंपनियों की बनाई मेथी भी उपलब्ध है।
- मधुमेह का पुराना से पुराना रोग भी मेथी के सेवन से दुरुस्त हो जाता है।
- प्रतिदिन प्रात:काल खाली पेट दो-तीन चम्मच मेथी के चूर्ण को पानी के साथ निगल लेना चाहिए।
5. गाजर और पालक:-
- मधुमेह के रोगियों को गाजर और पालक का रस पीना चाहिए।
- इससे आँखों की कमजोरी दूर होती है।
6. चमत्कारी है गेहूँ के जवारे:-
- गेहूँ के पौधों में रोगनाशक गुण होते हैं।
- गेहूँ के छोटे-छोटे पौधों का रस असाध्य बीमारियों को भी जड़ से मिटा डालता है।
- इसका रस मनुष्य के रक्त से चालीस फीसदी मेल खाता है।
- इसे ग्रीन ब्लड भी कहते हैं।
- रोगी को प्रतिदिन सुबह और शाम में आधा कप जवारे का ताजा रस दिया जाना चाहिए।
7. शलजम:-
- मधुमेह के रोगी को तरोई, लौकी, परवल, पालक, पपीता आदि का सेवन अधिक करना चाहिए।
- शलजम के प्रयोग से भी रक्त में स्थित शर्करा की मात्रा कम हो जाती है।
- अतः शलजम की सब्जी और विभिन्न रूपों में शलजम का सेवन करना चाहिए।
8. जामुन:-
- मधुमेह के उपचार में जामुन एक पारंपरिक औषधि है।
- यदि कहा जाए कि जामुन मधुमेह के रोगी का ही फल है तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।
- क्योंकि इसकी गुठली, छाल, रस और गूदा सभी मधुमेह में अत्यंत लाभकारी हैं।
- मौसम के अनुरूप जामुन का सेवन करना चाहिए।
- जामुन की गुठली भी बहुत फायदेमंद होती है।
- इसके बीजों में जाम्बोलिन नामक तत्व पाया जाता है, जो स्टार्च को शर्करा में बदलने से रोकता है।
- गुठली का बारीक चूर्ण बनाकर रख लेना चाहिए।
- दिन में दो-तीन बार तीन ग्राम चूर्ण का पानी के साथ सेवन करने से मूत्र में शर्करा की मात्रा कम होती है।
9. अन्य उपचार:-
- नियमित रूप से दो चम्मच नीम का रस और चार चम्मच केले के पत्ते का रस लेना चाहिए।
- चार चम्मच आँवले का रस, गुडमार की पत्ती का काढ़ा भी मधुमेह नियंत्रण के लिए रामबाण है।