
अपेंडिक्स हमारी आंत का एक टुकड़ा होता है जिसे अपेंडिक्टिक्स भी कहते हैं, इसमें यदि किसी प्रकार का संक्रमण (infection) हो जाए तो डॉक्टर इलाज के तौर पर ऑपरेशन करके इसे पेट से बाहर निकल देते हैं। अपेंडिक्स का दर्द पेट के दाएं (right) भाग पर नीचे की तरफ होता है और इस जगह को हल्का सा भी दबाने पर काफी दर्द होने लगता है। यह बीमारी 15 साले के बच्चे से ले कर 40 साल की आयु के किसी भी पुरुष या महिला को हो सकती है, यदि शुरुआत में ही इसके लक्षण पहचान लिए जाये तो इसके उपाय भी आसानी से हो सकते हैं।
यदि सही समय पर अपेंडिक्स का उपचार ना किया जाए तो पेट के दाएं भाग में एक गोला बन जाता है या फिर अपेंडिक्स फैट भी सकता है। पेट में गोला 3 से 4 हफ्ते में नार्मल हो जाता है पर यदि अपेंडिक्स फट जाए तो पेट की झिल्ली को भी संक्रमण (infection) हो सकता है। इसलिए आज हम आपको एक ऐसे उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आप अपेंडिक्स का घरेलु और आयुर्वेदिक उपचार कर सकेंगे।
अपेंडिक्स होने के कारण
- लम्बे समय तक कब्ज़ रहना।
- खाने में फाइबर की कमी होना।
- आंतो में भोजन जमा होना।
- अपेंडिक्स में कैंसर या रसोली का होना।
- संतरा, निम्बू, अमरुद जैसे फलो के बीजों का अपेंडिक्स में फास जाना।
अपेंडिक्स के लक्षण
- नाभि के आस-पास दर्द होना।
- जी मचलना और उलटी आना।
- भूख कम लगना।
- पेट में सूजन होना।
- बुखार होना।
- गैस नहीं निकलना।
- पेशाब (urine) करने में परेशानी आना।
अपेंडिक्स के घरेलु उपाय
अपेंडिक्स को ठीक करने के लिए रोज़ाना 3 से 4 तुलसी के पत्ते चबा-चबा कर खाये और चाय में भी तुलसी का प्रयोग करें। साथ ही रोजाना छाछ\लस्सी में काला नमक मिला कर पिएं। छाछ अपेंडिक्स का रामबाण इलाज है, रोज़ाना इसके सेवन से आपको काफी फायदा होगा।