
जामुन हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी फल है। आमतौर पर यह फल बारिश के मौसम में आता है। जामुन एक अम्लीय प्रवृति वाला फल है, इसी वजह से इसको को नमक के साथ खाते हैं। इसमें फ्रक्टोज तथा ग्लूकोज पाए जाते हैं। जामुन में खनिजों की मात्रा ज़्यादा होती है, इसमें फाइबर, आयरन तथा विटामिन भी उपलब्ध होते हैं। जामुन के बीजों में कैल्शियम प्रोटीन तथा कार्बोहाइड्रेट भी पाए। पाया जाता है।
इसलिए हम आपको आज बता रहे हैं, जामुन से जुड़े कुछ खास उपाय जो कईं रोगों में रामबाण की तरह कार्य करते हैं।
1. गठिया:-
जामुन गठिया के उपचार में काफी लाभदायक होता है। जामुन की छाल को अच्छी तरह से उबाल लें और बाकि बचे हुए घोल का लेप अपने घुटनों पर लगाएं। इससे आपको गठिया में राहत पहुँचती है।
2. यौन, स्मरण शक्ति, रक्त की कमी तथा शारीरिक दुर्बलता:-
जामुन हमारी शारीरिक दुर्बलता तथा रक्त की कमी दूर करने के साथ ही याददाश्त तथा यौन शक्ति भी बढ़ जाती है। जामुन के रस में शहद, गुलाब के फूल या आंवला के रस को समान मात्रा में मिलाकर 1 से 2 महीने तक रोज़ाना सुबह के समय सेवन करें।
3. रक्तप्रदर:-
जिनको रक्तप्रदर की परेशानी हो, वह जामुन की गुठली के का चूर्ण बना लें। इसी तरह पीपल की छाल का भी चूर्ण बना लें। अब जामुन की गुठली के चूर्ण में 25% पीपल की छाल का चूर्ण मिला लें। इस मिश्रण का सेवन दिन में 2-3 बार एक चम्मच ठंडे पानी के साथ करें।
4. गले के रोगों में जामुन:-
गले के रोगों में भी जामुन बहुत लाभकारी होता है। गले की परेशानी होने पर जामुन की छाल को बारीक पीसकर इसका सत बना लें। अब सत को पानी में घोल लें तथा ‘माउथ वॉश’ के समान इससे गरारा करें। ऐसा करने से आपका गला साफ होगा, साँस की दुर्गंध भी गायब और मसूढ़ों की बीमारी भी दूर हो जाएगी। यदि आपका गला बैठ गया हो, गले में छाले हो गए हों या आवाज बेसुरी हो गई हो तो आप जामुन के पत्तों को पानी में उबाल लें तथा थोड़ा ठंडा कर उससे गरारे करें।
5. पेचिश(Dysentery):-
जामुन की गुठली से बने चूर्ण को दिन में एक चम्मच 2 से 3 बार लेने पर पेचिश की समस्या में राहत मिलती है। यदि आपको पथरी की समस्या हो, तो इस चूर्ण का उपयोग दही के साथ चिकित्सकीय निर्देशन में करें।
6. उल्टी-दस्त या हैजा:-
जामुन के ताज़े 1 किलो फलों का रस निकाल लें इसमें ढाई किलो मिश्री मिलाकर शरबत जैसी चाशनी तैयार लें। इस शरबत जैसी चाशनी को एक साफ बोतल में भरकर रख लें। उल्टी, दस्त या हैजा जैसे रोग की शिकायत होने पर, दो चम्मच इस शरबत तथा एक चम्मच अमृतधारा को मिला कर पिलाने से रोगी जो जल्दी राहत मिलती है।
7. खूनी बवासीर:-
गाय के पाव-भर दूध में जामुन के ताज़े तथा नरम पत्तों को पीस लें। रोज़ाना सुबह इस घोल को पीने से खूनी बवासीर में लाभ होता है।
8. दांतों, मसूढ़ों से खून:-
यदि आपके मसूढ़ों तथा दांतों से खून आता है, मसूढ़ों में सूजन होती हो अथवा ठंडा व गर्म पानी पीने पर लगता है, तो जामुन आपके लिए बहुत ही फायदेमंद है। जामुन के पत्तों की राख को अपने दांतों पर मलें। इससे आपके मसूढ़े मज़बूत होंगे तथा दांत चमकीले बन जाएंगे और साथ ही दांतो से जुडी कई प्रकार की समस्याएं ठीक होंगी।
9. मधुमेह:-
मधुमेह के रोगियों को जामुन से बहुत लाभ होता है। आम तथा जामुन के रस को समान मात्रा में मिला कर पीना मधुमेह के रोगी के लिए लाभकारी होता है। जामुन की गुठली का चूर्ण बना कर एक से दो ग्राम सुबह पानी के साथ लेने से मधुमेह(डायबटीज़) रोग से छुटकारा मिलता है।