अस्थमा में सांस लेने की परेशानी में रामबाण इलाज है कीवी..
हमेशा ऐसा कहा जाता है की चाहे कोई भी बीमारी हो उसका सीधा संबंध खानपान के साथ तो होता ही है। कुछ खाद्य पदार्थों को खाने से रोगों का प्रकोप बढ़ जाता है तो वाही कुछ को खाने से कोई बीमारी आपके नज़दीक भटकती भी नहीं | ऐसा ही एक फल है कीवी जो अस्थमा में साँस संबंधी परेशानियों से आपको राहत दिलाने में पूरी तरह से मददगार होता है।
अस्थमा के मरीज़ों को अपने खानपान की शैली का ख़ास ध्यान रखना पड़ता है। खान पान की बहुत सी चीजों से उन्हें परहेज़ करना पड़ता है जो एलर्जी बढ़ाकर अस्थमा के मरीज़ों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
ऐसे ही कुछ खाद्य पदार्थों में एक फल आता है कीवी | ये फल मुख्य रूप से विदेशी फल है लेकिन अब आसानी से लोकल मार्केट में भी उपलब्ध हो जाता है। हां, यह फल थोड़ा महंगा ज़रूर है लेकिन अस्थमा के मरीज़ों की महंगी दवाओं जितना महंगा नहीं होता । इसलिए भले ही दवा के रुप में परन्तु इस फल को खाया जरुर जाना चाहिए।
कीवी कैसे करता है मदद अस्थमा में
किवी में विटामिन सी अधिक मात्रा में होता है | कटे हुए एक कटोरी किवी में 164 मिली ग्राम विटामिन सी होता है | यह आपकी दिन की विटामिन सी की मात्रा में 273% तक वृद्धि कर देता है। विटामिन सी अस्थमा रोगियों को छींक और अन्य सांस संबंधी परेशानियों से बचाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके खाने से श्वसन प्रणाली में एलर्जिक रिएक्शन के कारण होने वाली सूजन भी कम हो जाती है। ये भी कहा जाता है कि कीवी खाने से खून में मौजूद रोग प्रतिरोधक सेल्स पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है और वे अच्छी तरह से काम करने लगते हैं।
थोरैक्स नाम के एक जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में ये बात सामने आई कि वो बच्चे जो हफ्ते में 5 से 7 बार कीवी फल खाते हैं उन्हें सांस लेने में समस्या कभी नहीं होती | कीवी खाने वाले बच्चों की स्वसन क्रिया ये फल न खाने वाले बच्चों की तुलना में 44% तक ज्यादा होती है। इसके सेवन से बच्चों की खांसी और नाक बहने की समस्या में भी काफी हद तक कमी देखी गई है। अगर इस तरह की कोई समस्या आपके परिवार में किसी भी सदस्य को है, तो तुरंत बाज़ार से कीवी फ्रूट ले आएं और इस परेशानी से राहत पायें |
आइये जानिये कीवी खाने के अन्य लाभ
यदि कोई व्यक्ति 25 दिनों तक नियमित रूप से दो या तीन किवी खाता है तो उसके शरीर में फैट्स जमा होने तथा खून का थक्का ( blood clotting ) जमने की संभावना काफी कम हो जाती है।
इसके सेवन से खून में पाए जाने वाले ट्राइग्लिसराइड्स ( वह वसा जो नुक्सानदेह कॉलैस्ट्राल का अंश होते हैं ) भी लगभग 15 प्रतिशत कम हो जाती हैं। फल और सब्जियों में फाइटोन्यूट्रिएंट्स कम्पाऊंड मौजूद होते हैं।
इस फल में पॉलीफिनॉल जैसे एंटीआक्सीडैंट, विटामिन सी और विटामिन ई प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो आपके शरीर के लिए काफी फय्मंद होते हैं |
इसमें विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट्स अच्छी मात्रा में होते हैं। ये त्वचा की कोशिकाओं को लंबे समय तक ठीक रखते हैं और प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाते हैं।
इसमें संतरे की अपेक्षा दोगुनी मात्रा में विटामिन सी होता है। यह शरीर में आयरन को सोखने में मदद करता है। खासतौर पर अनीमिया के उपचार में इसका सेवन बहुत अधिक फायदेमंद होता है।
गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन 400 से 600 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड की आवश्यकता होती है। यह फोलिक एसिड का अच्छा स्रोत है। गर्भ में बच्चे के मस्तिष्क के विकास में इसके सेवन से बहुत फायदा मिलता है |
कीवी में केले जितना ही पोटैशियन होता है जो ओस्टियोपोरोसिस के रोगियों के लिए फायदेमंद है। यह हड्डियों और मांसपेशियों को भी मजबूती प्रदान करता है |