
स्वपन दोष के कारण और निवारण
Swapan dosh ka ilaj
सोते समय पुरुष के वीर्य के निकल जाने को स्वपनदोष कहा जाता है | युवावस्था के भीतर स्वपनदोष होना एक आम बात होती है | सोते समय स्वतः ही वीर्यपात हो जाने को स्वपनदोष के नाम से जाना जाता है | सपने में किसी एच्छिक व्यक्ति से काम-सम्बन्ध बनाते हुए वीर्य स्खलन हो जाता है | बिना किसी स्वप्न के भी स्वप्नदोष होना भी एक आम बात है जिसका कारण होता है तंग वस्त्र पहनना, पेट भर कर रात्रि भोज खाना , गर्म दूध पी कर सो जाना , अधिक मात्रा में आम या पपीता या ऐसे गर्म फल खा कर सोना इत्यादि | ऐसे में व्यक्ति को गर्म प्रकृति की चीजें, तेल, मसाले, अंडे आदि का सेवन बंद कर देना चाहिए | कुछ युवा स्वपन दोष से मानसिक तनाव से ग्रसित हो जाते हैं |
वैसे तो स्वप्नदोष की बीमारी विवाह पश्चात् लगभग समाप्त हो जाती है परन्तु फिर भी समस्या रहे तो किसी प्राकृतिक यौन चिकित्सक से इलाज अवश्य ही कराना चाहिए |
स्वपनदोष के कारण
- तंग वस्त्र पहन कर सोना |
- सोने के ठीक पहले खाना-पीना करना |
- देर रात्रि में भोजन-पानी करना |
- अश्लीन साहित्य पढना |
- रात्रि में गर्म दूध पीकर सोना |
- सहवास के बारे में अत्यधिक रूचि रखना या स्त्री संग क्रिया के बारे में हमेशा सोचते रहना
- उलटे होकर सोना या पेट के बल सोना |
- पेट में गर्माहट होना या कब्ज होना |
- रात्रि में पेट भर कर खाना |
- रात्रि में पपीता या आम का अधिक सेवन करना |
- रात्री में पेशाब को देर तक रोक कर रखना |
स्वपन दोष में सावधानी
- यह एक मानसिक बीमारी है अतः मन को पवित्र रखें |
- रात्रि को गर्म दूध न पीयें |
- ठंडे पानी से नहायें |
- रात्रि को सोने से पूर्व अपने पांव घुटनों तक ठंडे पानी से धोकर सोएं |
- खाना-पीना आदि सोने से तीन घंटे पहले कर ले |
- गुप्तांग की चमड़ी को पीछे हटाकर रोजाना अच्छे से साफ़ करना चाहिए |
- हमेशा करवट लेकर या सीधे सोने की कोशिश करे |
- सोते समय कोई अच्छी पुस्तक पढ़ सकते है जिससे सोते समय केवल अच्छे विचार ही मष्तिष्क में विद्यमान रहें |
- उत्तेजना पैदा करने वाले साहित्य को बिलकुल ना पढ़े |
- नियमित त्रिबंध प्राणायाम, योगासन, ब्रह्ममुहूर्त में उठने से लाभ मिलता है |
- पेट में कब्ज न होने दें |
- गुप्तांग के आसपास के बालों को बढ़ने न दें |
- रात्रि को खाना खाने के बाद पेशाब जरुर करने जाएँ |
स्वपन दोष के घरेलु उपचार
- आंवला और मिश्री दोनों को एकसी मात्रा में लेकर चूर्ण बना कर रख लीजिये| इसका सुबह शाम एक एक चम्मच सादे पानी से सेवन करें | इस से वीर्य गाढ़ा होता है और साथ ही स्वपन दोष भी नहीं होता |
- तुलसी की जड़ के टुकड़े को पीसकर पानी के साथ पियें। अगर जड़ न मिले तो 2 चम्मच बीज शाम के समय पानी से लें।
- आंवले का मुरब्बा खाकर ऊपर से गाजर का रस पियें।
- पके बेल का गूदा 10ग्राम,सौफ 5 ग्राम, भांग 1ग्राम और धनिया 10 ग्राम सबको एक ग्लास गाजर के रस में भिगो दें। फिर सबको घोटकर पी जाये। कुछ दिन लगातार ऐसा करने से स्वपन दोष नहीं होता |
- प्याज रस 3 चम्मच,अदरक रस 2 चम्मच, गाय का घी 2 चम्मच, शहद 2 चम्मच इन सबको मिलाकर थोडा थोडा चाटने से स्वप्न दोष तो ठीक होता ही है साथ में मर्दाना ताकत भी बढ़ जाती है।
- लहसुन की दो कलियाँ कुचल कर निगल लें । थोड़ी देर बाद गाजर का रस पीलें।
- काली तुलसी के पत्ते 10-12 रात में जल के साथ लें , यह भी स्वप्न दोष का एक बहुत अच्छा निवारक होता है |
- मुलहटी का चूर्णआधा चम्मच, आक की छाल का चूरण एक चम्मच दूध के साथ लेने से वीर्य गाढ़ा होता है और साथ ही स्वपन दोष भी नहीं होता |
- नीम की 5 पत्तियाँ नित्य चबाकर खाते रहने से स्वप्नदोष जड़ से गायब हो जाएगा। जब स्वपन दोष की बीमारी हट जाए तो नीम के पत्तो का सेवन अधिक नहीं करना चाहिए.
- रात को एक लीटर पानी में त्रिफला चूर्ण भिगा दें सुबह मथकर महीन कपड़े से छानकर पी जायें।
- सुबह नहाते समय पेट, पीठ, पैर के पंजे पर पानी की धार अवश्य डालें।
- रात को सोते समय हाथ पैर को धोकर सोयें।
स्वपन दोष का विशेष नुस्खा
शुष्क धनिया ( दाना ) को मोटा-मोटा कूटकर छिलका अलग करें और बीजो के अंदर की गिरी निकालकर 300 ग्राम धनिया की गिरी ( प्राय: 450 ग्राम धनिया में से 300 ग्राम गिरी निकल जाती है ) तथा बराबर वजन 300 ग्राम कुंजा मिश्री ( या चीनी ) ले। दोनों को अलग-अलग पीसकर आपस में मिला ले। बस, दवा तैयार।
आयुर्वेद में चीनी का मतलब देशी चीनी से होता हैं जो पाउडर की तरह होती हैं। दानेदार चीनी ज़हर के समान हैं।
सेवन विधि
प्रात: बिना खाए-पिए और रात को बासी पानी से छ: ग्राम फांकने के तत्प्श्चात एक-दो घंटे तक और कुछ न खाएं। इसी प्रकार छ: ग्राम दवा शाम 4 बजे लगभग प्रात: के रखे हुए पानी के साथ फांक ले। रात का भोजन इसके दो घंटे पश्चात करें। यह मूत्राशय की जलन दूर करने में अद्वितीय है। आवश्यकता अनुसार तीन से सात दिन तक ले।