उत्तम वाजीकारक, स्तम्भन शक्ति बढ़ाने और शुक्र शोधक के लिए चमत्कारी औषधि – पलाश।

Palash tree bannerउत्तम वाजीकारक, स्तम्भन शक्ति बढ़ाने और शुक्र शोधक के लिए चमत्कारी औषधि – पलाश।

पलाश वीर्य सम्बन्धी विकार को दूर करके उत्तम वाजीकरण के लिए औषधि का काम करता है | साथ ही पलाश पुरुषों के लिंग की  दृढ़ता स्तम्भन, शीघ्रपतन और शुक्र के शोधन में बहुत ही गुणकारी होता है |  इसके साथ साथ ये बांझपन में भी अति श्रेष्ठ औषधि है | आइये जानते हैं इसके गुण और उपयोग करने की विधि।

वीर्य विकार या प्रमेह

पलाश की बिल्कुल नई मुंहमुदी कोपलों को छाया में सुखाकर कूटकर और फिर छानकर गुड़ में मिलाकर उसका लगभग 10 ग्राम सुबह-शाम खाने से प्रमेह नष्ट हो जाता है।

टेसू की जड़ का रस निकालकर उसमें 3 दिन तक गेहूं के कुछ दानों को भिगो दें। उसके बाद उन दोनों को अच्छे से पीसकर हलवा जैसा बना लें | इस हलवे  को नियमित रूप से  खाने से प्रमेह, शीघ्रपतन और कामशक्ति की कमजोरी दूर हो जाती है।

वाजीकरण (सेक्स पावर) :-

5 से 6 बूंद टेसू की जड़ों का रस प्रतिदिन 2 बार पीने से अनैच्छिक वीर्यस्राव (शीघ्रपतन) रुक जाता है और काम (सम्भोग ) शक्ति भी बढ़ती है।

टेसू के बीजों के तेल से लिंग की मालिश ( सीवन सुपारी छोड़कर शेष भाग ) करने से कुछ ही दिनों में हर तरह की नपुंसकता दूर हो जाती है और काम शक्ति में भी वृद्धि होती है।

लिंग कि दृढ़ता हेतु

पलाश के बीजों के तेल से लिंग की हलके हाथों से मालिश करने से वह दृढ होता है | यदि तेल प्राप्त ना कर सकों तो पलाश के बीजों को पीसकर तिल के तेल में उन्हें जला लें और उस तेल को छानकर प्रयोग करें | इससे भी वही परिणाम प्राप्त होते हैं।

स्तम्भन एवं शुक्र शोधन हेतु

इसके लिए पलाश की  गोंद घी में पका कर दूध एवम मिश्री के साथ सेवन करने से स्तम्भन एवं शुक्र शोधन हेतु समस्याएं दूर हो जाती हैं |  दूध यदि देसी गाय का हो तो अति श्रेष्ठ है।

डॉक्टर से दवाई मंगवाने के लिए 9041-715-715 नंबर पर कॉल करें।