
सर्दियों के मौसम में त्वचा संबंधी बहुत सी समस्याएं मनुष्य को परेशान करती है। जिसमें हाथ पैरों का रुखा होना, पैरों की एड़ियों का फटना और होठ में दरार पड़ना आम बात है। इन वस्तुओं को सामान्य समझने तथा व्यस्त रहने पर कई बार यह समस्याएँ गंभीर रूप धारण कर लेती हैं। खून की कमी होने, नंगे पैर कठोर फर्श पर चलने, शरीर में खुश्की के अधिक बढ़ जाने, अधिक ठण्ड के असर से तथा धूल-मिट्टी के कारण से एड़ियां फट जाने इत्यादि जैसी समस्याएं होती हैं। फटी हुई एड़ियों का यदि जल्द से जल्द ख्याल न रखा गया, तो वो और ज्यादा फट सकती हैं। उनसे खून आने लगता है और काफी दर्द भी होता है। इसी तरह दूसरी चीजें भी होती है। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको करने से आप सर्दियों के मौसम में अपनी स्किन का खास ध्यान रख सकेंगे।
चलिए जानते हैं इन उपायों के बारे में !!
उपाय 1:-
- नीम की हरी पत्तियां पीसकर लेप बना लें।
- नींम के बने पेस्ट को दहीं के साथ अच्छे से मिलाकर पैरों, एड़ियों पर लगाकर 30-40 मिनट तक छोड़ दें।
- बाद में गुनगनु पानी से हल्का रगड़कर धो लें।
- यह एक तरह से प्राकृतिक क्रीम का काम करता है।
उपाय 2:-
- यदि आपकी स्किन अधिक फटती है तो एक टब में गुनगुना पानी लें।
- अब इसमें पैरों को डुबों कर रखें।
- फिर नींबू को दो हिस्सों में बीच से काटकर नींबू से पैर, एड़ियों को हल्का रगड़ें।
- इससे आपकी स्किन लंबे समय तक माॅश्चराइज रहेगी और ग्लो भी आएगा।
उपाय 3:-
- सप्ताह में 2-3 बार हाथ, पैर एड़ियों पर शहद से मलिस करें।
- फिर टब में गुनगुना पानी कर पैरों को 10-15 मिनट तक डुबों कर रखें।
- बाद में यूमिक स्टोन से हल्का रगड़ कर धोएं।
- आप देखेंगे आपकी त्वचा काफी मुलायम है।
उपाय 4:-
- सर्दियों में त्वचा को फटने से बचाने के लिए रोज हाथ-पैरों, एड़ियों की त्वचा को प्यूमिक स्टोन से रगड़कर धोएं।
- फिर सरसों के तेल से मालिश करें।
- इससे त्वचा में माॅश्चराइज की कमी नहीं होती है।
- यानि कि हाथ, पैर, एड़ियां और होठ फटने जैसी समस्या से आसानी से बच जा सकता है।
उपाय 5:-
- ग्लिसरीन और गुलाब जल को एक साथ मिलाकर इसे अपनी एड़ी और हाथ पैरों पर लगाएं।
- ग्लिसरीन और गुलाब जल से फटी स्किन को फौरन राहत मिलेगी।
- इसमें नींबू और नमक भी मिला सकते हैं।
- अगर आपकी एड़ी ज्यादा फटी हैं तो इस घोल में अपनी एड़ी को 20 मिनट तक रखें।
- इससे त्वचा का कठोर हिस्सा कोमल होता है।
- इस घोल का इस्तेमाल कुछ दिनों तक रोज जारी रखें।