
बरसात में जामुन खाने से होता है इन बीमारियों का इलाज … जानिए इसके बारे में
आमतौर पर बरसात के मौसम में आने वाला फल जामुन स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है। जामुन अम्लीय प्रवृति वाला फल होता है इसलिए जामुन को नमक के साथ ही खाया जाता है। जामुन में ग्लूकोज , फ्रक्टोज ,आयरन, विटामिन और फाइबर जैसे तत्व पाए जाते हैं ।इसके बीज में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और कैलशियम भी पाया जाता है।
जामुन से जुड़े कुछ खास नुस्खे जो रोगों में रामबाण की तरह काम करते हैं आज हम आपको उनके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं |
गले के रोग को दूर करे :- गले के रोगों में जामुन की छाल को बारीक पीसकर पाउडर बना लें। इस पाउडर को पानी में घोलकर माउथ वॉश के रूप में इस्तेमाल करें । इससे गला तो साफ होगा ही बल्कि साँस की दुर्गंध भी बंद हो जाएगी और मसूडों की बीमारी भी दूर हो जाती है ।
खूनी बवासीर को ठीक करे :- इसके ताजे, नरम पत्तों को गाय के पाओं भर दूध में पीसकर प्रतिदिन सुबह सुबह पीने से खूनी बवासीर में लाभ मिलता है और रोगी जल्द ही उससे छुटकारा पा लेता है |
रक्त की कमी , शारीरिक दुर्बलता , यौन विकार एवं स्मरण कमजोरी दूर करे :- शहद, जामुन का रस , आँवले या गुलाब के फूल के रस को बराबर मात्रा में मिलाकर एक से दो माह तक प्रतिदिन सुबह के समय सेवन करने से रक्त की कमी एवं शारीरिक दुर्बलता दूर होती है और साथ ही यौन तथा स्मरण शक्ति भी बढ़ती है।
उल्टी दस्त और हैजा को दूर करे :-जामुन का सेवन उल्टी दस्त और हैजा को दूर करने में सहायता करता है | जामुन के एक kg ताजे फलों के रस को निकालकर उसमें ढाई kg मिश्री मिलाकर शरबत जैसी चाशनी बना कर एक साफ बोतल में भरकर रख लीजिये। जब कभी उल्टी-दस्त या हैजा जैसी बीमारी की शिकायत होने पर दो चम्मच शरबत और एक चम्मच अमृतधारा मिलाकर पीने से तुरंत राहत मिल जाती है।
मधुमेह को ठीक करे :- जामुन का नियमित सेवन मधुमेह के रोगी के लिए बेहद फायदेमंद औषधि का काम करता है | जामुन और आम के रस को बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से मधुमेह के रोगियों को लाभ मिलता है। जामुन की गुठली के चूर्ण को 1-2 ग्राम मात्र में पानी के साथ सुबह लेने से मधुमेह रोग ठीक हो जाता है।
पेचिश ठीक करे :- जामुन की गुठली के चूर्ण का एक चम्मच दिन में दो से तीन बार लेने से पेचिश की समस्या दूर हो जाती है और पेट में मरोड़ से भी आराम मिलता है। पथरी हो जाने पर इसके चूर्ण का उपयोग चिकित्सकीय निर्देशन में दही के साथ करें।
दांतों, मसूडों से खून आदि समस्या दूर करे :- यदि आपके दांतों या मसूडों से खून आता है या फिर पानी लगता है या फिर मसूढ़े फूलते हैं तो इसके पत्तों की राख को दांतों पर मलने से मसूड़े मजबूत हो जाते हैं साथ ही दांत चमकीले बन जाते हैं।यदि आपका गला बैठ गया हो या फिर आवाज बेसुरी हो गयी हो या गले में छाले हो गये हों तो जामुन के पत्ते पानी में उबाल कर उसे थोड़ा ठंडा करके उससे गरारे करें आपका गला बिलकुल ठीक हो जायेगा।
रक्तप्रदर :- रक्तप्रदर की समस्या होने पर जामुन की गुठली के चूर्ण में 25 % पीपल की छाल का चूर्ण मिलाकर दिन में दो – तीन बार एक चम्मच की मात्रा में ठंडे पानी से लें। इसके सेवन से आप बिलकुल ठीक हो जायेंगे |
गठिया :- गठिया के उपचार में भी जामुन बहुत उपयोगी फल है। इसकी छाल को खूब उबालकर बचे हुए घोल का लेप घुटनों पर लगाने से गठिया में भी आराम मिलता है।