
निम्न रक्तचाप रोग शरीर में रक्त कि कमी तथा कमज़ोरी के कारण होता है। धीमा रक्तचाप दो प्रकार का होता है, स्थाई और अस्थाई। अस्थाई निम्न रक्तचाप कुछ समय के बाद सामान्य हो जाता है। परन्तु स्थाई निम्न रक्तचाप अनुवांशिक होता है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है। इसलिए आज हम आपको एक ऐसे आयुर्वेदिक घरेलू उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके सेवन से किसी भी प्रकार के निम्न रक्तचाप का इलाज स्वयं ही घर पर ही कर सकेंगे। इस उपाय को करने से आप दोनों ही प्रकार के लो ब्लड प्रेशर को जड़ से ख़त्म कर सकते हैं।
चलिए जानते हैं इस उपाय के बारे में !!
आवश्यक सामग्री:-
- देशी गाय का दूध – 4 लीटर
- देशी खांड (बुरा) – 1 किलोग्राम
- देशी गाय के दूध का घी – 1 किलोग्राम
- चिलगोज़े की मिगी – 100 ग्राम
- बादाम कि गिरी (मीगी) – 100 ग्राम
- भुने हुए चने का आटा – 500 ग्राम
- गेंहू का सत्व – 500 ग्राम
- बिना गुठली के स्वच्छ छुहारे – 500 ग्राम
बनाने कि विधि:-
- सर्व प्रथम छुहारों को दूध में डाल कर इतना पकाएं, कि छुहारे दूध में फूल कर मुलायम हो जाएं।
- इसके बाद छुहारों को दूध में से निकालकर बारीक़ पीस लें तथा उसी दूध भली-भांति घोलकर कम आँच पर पकाएं।
- इतना पकाएं कि दूध मावा बन जाए।
- इसके बाद घी को गर्म करके इसमें गेंहू के सत्व को भुन लें।
- इसमें भुने चनो का आटा डाल दें।
- अब इस में पहले बनाया हुआ मावा भी डाल कर खूब मिलाएं तथा सबको खूब भुन लें।
- जब समस्त द्रव्य भुन कर लाल हो जाए तथा सुगंध आने लगे तब खांड(बुरा) डालकर भली-भांति चलाकर मिला लें।
- समस्त द्रव्यों के बखूबी मिल जाने पर अन्य बची हुई सामग्री भी डालकर मिला लें।
- अंत में आपकी औषधि तैयार है।
सेवन की विधि:-
- इस पाक को एक बार में 50 से 75 ग्राम ही सेवन करना है।
- सुबह खाली पेट और रात को सोते समय देशी गाय के गर्म दूध के साथ दिन केवल दो बार ही सेवन करें।
- इसके नियमित सेवन से आपका लो ब्लड प्रेशर बिलकुल ठीक हो जायेगा और खून कि कमी दूर होकर शरीर हष्ट पुष्ट होकर बलवान बन जाएगा।
- लेकिन जब तक यह दवा ख़त्म ना हो इसे आपको नियमीत सेवन करते रहना है तभी पूरा लाभ मिलेगा।