लाल मिर्च से हार्ट अटैक के मरीजों पर किया गया शोध हुआ सफल :-
एक आयुर्वेदिक शोध में हर्बल उपायों से चिकित्सा करने वाले डॉक्टर्स द्वारा उनके पास आए सभी हार्ट अटैक मरीजों की जान आयुर्वेद के उपायों द्वारा बचाई जा सकी। जिसमें लाल मिर्च के इस्तेमाल से बना एक घोल सबसे ज्यादा कारगर साबित हुआ। लाल मिर्च के औषधीय गुणों में स्कोवाइल जाता है जो इसे खास बनाता है |लाल मिर्च में कम से कम 90,000 युनिट स्कोवाइल होता है।
खुद आजमायें और एक जान बचाएँ
अगर आप किसी भी व्यक्ति को हार्ट अटैक आते देखते हैं तो एक चम्मच लाल मिर्च को एक ग्लास पानी में घोलकर मरीज को दें । एक मिनट के अंदर मरीज की हालत में सुधार आ जाएगा। इस घोल का प्रभाव सिर्फ एक अवस्था में होता है जिसमें रोगी का होश में होना ज़रूरी होता है।
यदि मरीज़ होश में नहीं है तो लाल मिर्च का ज्यूस बनाकर इसकी कुछ बूंदें मरीज की जीभ के नीचे डाल देने से भी उसकी हालत में तेजी से सुधार धिखायी देता है।
क्यू होता है ऐसा ?
लाल मिर्च में एकबहुत ही शक्तिशाली उत्तेजक पाया जाता है जिसके कारण इसके उपयोग से ह्रदय की गति तो बढ़ती ही है बल्कि रक्त का प्रवाह शरीर के हर हिस्से में होने लगता है। इसमें हेमोस्टेटिक प्रभाव होता है जिससे खून का निकलना तुरंत बंद हो जाता है।
लाल मिर्च के कारण हार्ट अटैक के दौरान मरीज़ को ठीक होने में मदद मिलती है।वैज्ञानिक शोधों से साबित हो चुका है लाल मिर्च में 26 अलग प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे कि कैल्शियम, ज़िंक, सेलेनियम और मैग्निशियम आदि |
लाल मिर्च में कई मिनरल के अलावा विटामिन सी और विटामिन डी की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है। हर भारतीय घर में मसाले का अभिन्न अंग है लाल मिर्च जो ह्रदय को स्वस्थ रखने वाले विस्मयकारी गुणों से भरपूर है | किसी भी तरह की ह्रदय की सम्बंधित समस्या से बचने में लाल मिर्च बहुत कारगर होती है।
कैसे बनाएं लाल मिर्च से हार्ट अटैक की कारगर दवा ?
हार्ट अटैक से बचाव के लिए तुंरत उपयोग करने हेतु एक बेहद कारगर घोल बनाकर रखा जा सकता है। लाल मिर्च पाउडर, ताज़ी लाल मिर्च और वोदका (50 % अल्कोहल के लिए) के इस्तेमाल से यह घोल तैयार किया जाता है।
कांच की बोतल में एक चौथाई हिस्सा लाल मिर्च से भर दीजिए। इस पाउडर के डूबने जितनी वोदका इसमें मिला दीजिए। अब मिक्सर में ताजी लाल मिर्च को अल्कोहल के साथ में सॉस जैसा घोल तैयार कर लीजिए। इस घोल को कांच की बोतल में बाकी बचे तीन चौथाई हिस्से में भर दीजिए। अब आपकी बोतल पूरी तरह से भर चुकी है। कांच की बोतल को कई बार हिलाइए। इस मिश्रण को एक अंधेरी जगह में दो हफ्तों के लिए छोड दीजिए। दो हफ्तों बाद इस मिश्रण को छान लीजिए। अगर आप ज्यादा असरकारक मिश्रण चाहते हैं तो इस घोल के तीन माह के लिए अंधेरी जगह पर छोड़ दीजिए।
कैसे करें इसे इस्तेमाल ?
हार्ट अटैक आने पर तुरंत होश में बने रहने वाले मरीज़ को इस मिश्रण की 5 -10 बूंदें दी जानी चाहिए। 5 मिनट के बाद फिर से उतनी मात्रा में यह घोल मरीज को दुबारा दिया जाना चाहिए। हर 5 मिनिट के अंतराल के साथ मरीज की हालत में सुधार आने तक यह प्रक्रिया दोहराई जानी चाहिए | अगर मरीज बेहोश है तो उसकी जीभ के नीचे इस मिश्रण की 1 – 3 बूंदे डाल दी जानी चाहिए। इस प्रक्रिया को मरीज की हालात में सुधार आने तक दोहराया जाना चाहिए |
चेतावनी : यह आलेख वैज्ञानिक शोध के आधार पर लिखा गया है। इस संबंध में अभी अन्य शोध जल्द ही जारी किये जायेंगे | यह महज एक तात्कालिक उपाय हो सकता है स्थायी उपचार नहीं। किसी भी गंभीर स्थिति में चिकित्सक की सलाह अवश्य लें। हमारा प्रयास कोई भी भ्रम फैलाना नहीं है बल्कि आपको नयी जानकारी देना है |