
हम हमेशा से सुनते आए हैं “जल है तो जीवन है।” हालाँकि जल मनुष्य के शरीर तथा जीवन का एक बहुत ही ज़रूरी तत्व है, परन्तु फिर भी क्या आप जानते हैं कि पानी हमारी सेहत के लिए हानिकारक भी है। पानी यदि गलत ढंग से पीया जाए, तो यह हमारे शरीर को लाभ पहुंचाने की जगह नुकसान करता है। पूरे दिन में कितनी बार पानी पीना चाहिए तथा पानी पीने के फायदों के बारे में तो सभी जानते हैं। परन्तु क्या आपको मालूम है कि पानी को किस प्रकार से कैसे पीना चाहिए? हम अधिकतर लोगों को खड़े-खड़े पानी पीते हुए ही देखते हैं। पानी को खड़े-खड़े पीना गलत है तथा इससे हमारे स्वास्थ्य तथा शरीर पर बहुत से बुरे असर पड़ते हैं।
तो चलिए, जानते हैं खड़े-खड़े पानी पीने के दुष्प्रभावों के बारे में:-
1. हृदय में जलन तथा अल्सर:
- खड़े होकर पानी पीने से यह शरीर के निचले भाग को बुरी तरह प्रभावित करता है।
- जिस की वजह से सीने एवं हृदय में जलन महसूस होती है तथा अल्सर जैसे रोगों बढ़ते हैं।
2. गुर्दे के रोग:
- जब हम खड़े-खड़े पानी पीते हैं, तो पानी गुर्दे के माध्यम से, ज़्यादा छने बिना, तेज़ी से गुज़र जाता है।
- इसकी वजह से हमारे मूत्राशय या खून में गंदगी इकट्ठी हो सकती है।
- जिस कारण दिल, गुर्दे तथा मूत्राशय आदि के रोग होते हैं।
3. गठिया की परेशानी:
- खड़े-खड़े पानी पीना हमारे शरीर में उपस्थित अन्य तरल पदार्थों के संतुलन को बिगाड़ देता है।
- अंततः यह जोड़ क्षेत्रों और जोड़ों में ज़रूरी तरल पदार्थ को भी कम करता है।
- इस कारण हमें गठिया तथा जोड़ो में दर्द जैसी समस्याएं पैदा होती हैं।
4. ऑर्थराइटिस होने का खतरा:
- पानी कभी भी खड़े होकर नहीं पीना चाहिए।
- इससे हमारे घुटनों पर जोर पड़ता है तथा ऑर्थराइटिस जैसी बीअमरि होने का खतरा बना रहता है।
5. पाचन तंत्र के लिए नुकसानदायक:
- हम जब पानी खड़े होकर पीते हैं, तब यह आसानी से बह जाता है तथा भरी मात्रा में नीचे भोजन नलिका में जाकर, पेट की निचली दीवार पर गिरता है।
- जिससे पेट की दीवार तथा आसपास के अन्य अंगों को हानि पहुंचने की सम्भावना बनी रहती है।
- लम्बे समय तक ऐसा चलते रहने से पाचन तंत्र, गुर्दे तथा दिल आदि की परेशानियां होती हैं।