
ज्यादातर लोग तनाव, अकेलेपन और शौक के नाम पर नशा करने लगते हैं। अगर कोई किशोरावस्था में सिगरेट पीना शुरू करता है और जीवनभर पीता है तो उसकी जिंदगी के 6-8 साल कम हो जाते हैं। ठान लें तो इससे छुटकारा पाना मुश्किल नहीं।
छोड़ना इसलिए जरूरी- नशा करने से कैंसर और हार्ट अटैक के अलावा अस्थमा व ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां होती हैं। विश्व में हर 10वें व्यक्ति की मौत के लिए जिम्मेदार है तंबाकू।
60 लाख लोगों की हर साल मृत्यु होती दुनियाभर में, इसका 6वां हिस्सा भारत से निकलता है। तंबाकू के धुंए में मौजूद 4 हजार रसायनों में से 500 स्वास्थ्य के लिए हानिकारक और 70 कैंसर पैदा करने वाले होते हैं।
करें दृढ़-निश्चय – सिगरेट व तंबाकू का सेवन करने वाला व्यक्तिरोजाना 100 रूपए खर्च करता है यानी महीने के 3000 रूपए। इन पैसों को खाने-पीने की अच्छी चीजों के लिए इस्तेमाल करें। सुबह-शाम व्यायाम करें जिससे शरीर को इन चीजों की तलब महसूस ना हो। तंबाकू उत्पादों की बिक्री वाली दुकानों की ओर ना जाएं। उन लोगों के साथ ना रहें जो इस लत के शिकार हैं। ज्यादा से ज्यादा समय परिवार के समय बिताएं और उन्हें कहें कि वे आपको नशा करने पर टोकें।
यूं होगा असर
12 घंटे बाद : शरीर में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर कम होता है और फेफड़े खुलते हैं।
2 दिन बाद : शरीर फुर्तीला।
2 महीने बाद : फेफड़ों में जमा बलगम कम होता है और रक्त संचार बेहतर होता है।
12 महीने बाद : धूम्रपान करने वाले व्यक्ति की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा 50 फीसदी रह जाता है।
10 साल बाद : फेफड़ों में होने वाले कैंसर का खतरा धूम्रपान करने वाले की तुलना में आधा रह जाता है।
15 साल बाद : सिगरेट नहीं पीने वाले जैसे हो जाएंगे।