
अधिकतर हम तरबूज़ खाने के बाद इनके बीजों को फेंक देते हैं। परन्तु बहुत कम लोग जानते हैं कि इन से गुर्दे तथा मूत्राशय की पत्थरी के लिए स्टिक दवा बनाई जा सकती है। तरबूज़ के बीजों की मिगी(गिरी) पत्थरी के लिए रामबाण के समान है। इसके बस 5-7 दिन उपयोग से ही मूत्राशय तथा गुर्दे की पत्थरी को सरलता से निकाला जा सकता है।
चलिए जानते हैं इस उपाय के बारे में !
आवश्यक सामग्री:-
- तरबूज़ के बीजों की मिगी – 12 ग्राम
- पीसी हुई मिश्री
- पानी
बनाने की विधि:-
- तरबूज़ के बीजों क मिगी को सिल-बट्टे पर पानी के साथ अच्छे से बारीक पीस लें।
- आप इसको जितना ज़्यादा घोटेंगे यह उतना ही अधिक फायदेमंद रहेगा।
- अब इसे 500 ग्राम पानी में अच्छी तरह से मिश्रित कर दें।
- अंत में इस मिश्रण को मीठा करने के लिए आवश्यकता के अनुसार पीसी हुई मिश्री मिला लें।
सेवन की विधि:-
- इस मिश्रण का सेवन रोज़ाना सुबह खाली पेट करना है।
- इस मिश्रण को एक ही बार में आहिस्ता-आहिस्ता करके पी लें।
- यदि आप इसका सेवन एक ही बार में ना कर सकें, तो इसका सेवन 5 मिनट के अंतर से 2 बार में करें।
- इसको आवश्यकता के अनुसार 3-7 दिन तक लें।
- यदि पत्थरी का आकर बड़ा हो, तो थोड़े अधिक दिनों तक इसका सेवन करना पड़ सकता है।
- यह प्रयोग हृदयताप और हृदय के अनेक रोगों को भी नष्ट करता है।
- मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति मिश्री के बिना इस प्रयोग को करें।