किताब पड़ने से याद ना हो तो करे ये चमत्कारिक उपाए
पहले के ऋषि -मुनि सिर्फ सुन के याद कर लेते थे और अपने शिष्यों को उस ज्ञान को दिया करते थे आप जानते है कि वो क्या करते थे वोरात को मनन करते थे और दिन में किये गए कार्य और सुने गए उपदेश को मनन करने से उनको हमेशा के लिए याद हो जाता था –
स्मरणशक्ति एक ऐसा विषय है जिसके बारे में हर कोई जानना चाहता है। चाहे विद्यार्थी हो या नौकरीपेशा व्यक्ति, गृहिणी हो या वृद्ध-
आज की आपाधापी के समय में हर कोई यही कहता नजर आता है कि मेरी याददाश्त कमजोर है या जो पढ़ता हूँ याद नहीं रहता। आजकल स्मरणशक्ति बढ़ाने के लिए बाजार में तरह-तरह के प्रोडक्ट्स आते हैं। वास्तव में किसी की भी स्मरणशक्ति कमजोर नहीं होती, न ही इस पर उम्र का कोई फर्क पड़ता है-
इस लेख में कुछ आसान से नियम बताए जा रहे हैं यदि उन पर अमल कर लिया जाए तो निश्चित ही आपकी स्मरणशक्ति बगैर दवा सेवन के बढ़ जाएगी व आप यह भूल ही जाएँगे कि मेरी स्मरणशक्ति कभी कमजोर थी।
*सबसे पहले हम ध्यान रखें कि हमारे विचारों में नकारात्मक सोच नहीं आना चाहिए बल्कि सोच सदैव सकारात्मक होना चाहिए-
*जब हम उपन्यास, कोई भी कहानी या फिल्म या नाटक आदि देखते है तो हमें घटनाक्रम से लेकर पात्रों के नाम, कहानी आदि भी याद रहते हैं। कभी-कभी गाने भी याद रह जाते हैं।
आखिर ऐसा क्यों होता है …..?
वास्तव में हम जब फिल्में देख रहे होते हैं या उपन्यास आदि पढ़ रहे होते हैं या कोई नाटक देख रहे होते हैं तब हम उसे रट कर याद नहीं करते है सिर्फ बस हमारी आँखों के सामने से व हमारी स्मृति पटल से गुजारते जाते हैं। क्योंकि हम उसे याद नहीं करते और दिमाग पर जोर नहीं डालते और बस पढ़ते जाते हैं या सिर्फ देखते जाते हैं और वह हमें याद हो जाता है-
जब हम कोई घटना या किसी का नाम याद रखने की कोशिश करते हैं तो हमारे मस्तिष्क पर दबाव पड़ता है और जब मस्तिष्क पर दबाव पड़ता है तो वह घटना या किसी का नाम नाम याद नहीं आता है …..! और जैसे ही हम उसे याद करना बंद कर देते है व दूसरे काम में लग जाते हैं तो वह घटना हमें शीघ्र याद आ जाती है क्योंकि उस वक्त हम उसे याद नहीं करते-
याद ना करें –
ध्यान –
दूसरी एक क्रिया यह है कि हम रात को सोते वक्त ध्यान करें कि सुबह उठने से लेकर सोते वक्त तक क्या-क्या किया। किस-किस से मिले। क्रमवार ध्यान करते जाएँ। लगभग एक माह में आपको सारा घटनाक्रम हूबहू याद हो जाएगा-