
पेट की चर्बी अथवा वजन बढ़ने के हानिकारक खानपान, व्यायाम की कमी तथा आपकी अनियमित दिनचर्या इत्यादि सबसे प्रमुख कारण होते हैं। मोटापे के कारण कई प्रकार की शारीरिक समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। एक बार यदि मोटापा बढ़ जाता है, तो उसे कम करना बहुत ही कठिन होता है। इससे छुटकारा पाने के लिए अधिकतर लोग दवाओं का सेवन करने लगते हैं अथवा फिर डाइटिंग शुरू कर देते हैं। जबकि यह आपके स्वस्थ के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए आज हम आपको ऐसे प्राणायाम के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसको करने से आप इस परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं और वो भी बिना डाइटिंग के। यदि इस प्राणयाम को प्रतिदिन 20 से 30 मिनट तक किया जाए, तो बड़ी सरलता से शरीर का वज़न कम किया जा सकता है।
चलिए जानते हैं इस योग के बारे में!!
भस्त्रिका प्राणायाम:-
भस्त्रिका शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है। जिसका अर्थ धौकनी होता है। जिस प्रकार एक लोहार उष्णता उत्पन्न करने के लिए धौकनी की सहायता लेता है तथा तेज़ हवा से लोहे को तपा कर, लोहे की अशुद्धियाँ दूर कर उसे आकार देता है। ठीक उसी प्रकार भस्त्रिका प्राणायाम हमारे शरीर के लिए कार्य करता है।
भस्त्रिका प्राणायाम करने की विधि:-
- सबसे पहले आप पद्मासन में बैठ जाए।
- यदि पद्मासन में न बैठ पाये तो किसी आराम अवस्था में बैठें लेकिन ध्यान रहे आपकी शरीर, गर्दन और सिर सीधा हो।
- शुरू शुरू में धीरे धीरे सांस लें।
- और इस सांस को बलपूर्वक छोड़े।
- अब बलपूर्वक सांस लें और बलपूर्वक सांस छोड़े।
- यह क्रिया लोहार की धौंकनी की तरह फुलाते और पिचकाते हुए होना चाहिए।
- इस तरह से तेजी के साथ 10 बार बलपूर्वक श्वास लें और छोड़ें।
- इस अभ्यास के दौरान आपकी ध्वनि साँप की हिसिंग की तरह होनी चाहिए।
- 10 बार श्वसन के पश्चात, अंत में श्वास छोड़ने के बाद यथासंभव गहरा श्वास लें। श्वास को रोककर (कुंभक) करें।
- फिर उसे धीरे-धीरे श्वास को छोड़े।
- इस गहरे श्वास छोड़ने के बाद भस्त्रिका प्राणायाम का एक चक्र पूरा हुआ।
- इस तरह से आप 10 चक्र करें।
- इन प्राणायाम का नियमित अभ्यास आपके शरीर का वजन कम कर उन्हें सही आकार में लाने में मदद करेगा।
- यदि आपको इस योग को करते समय किसी प्रकार की परेशानी जैसे शरीर में दर्द, उलटी आना आदि हो रही हो।
- तो इसे बंद कर दें तथा पहले योग विशेषज्ञ की सलाह लें।
भस्त्रिका प्राणयाम के लाभ:-
- भस्त्रिका प्राणायाम हमारे शरीर से अशुद्धियां तथा नकारात्मकता दूर करता है।
- यह वात तथा कफ जैसे दोषों को हमारे शरीर से दूर करता है।
- यह वजन कम करने और पेट की चर्बी को कम करने में सहायक है।
- इससे शरीर के सभी अंगो का रक्त संचार सुधरता है।