
body oil massage benefits
आज हम यहाँ पर आप को अपने शरीर पर तेल की मालिश से होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से बतायेंगे। मालिश एक आयुर्वेदिक प्रक्रिया है। मालिश से हमारे पूरे शरीर में खून का दौरा बढ़ जाता है और इसके अलावा मालिश से शरीर के मृत कोष शरीर से बाहर निकल जाते हैं, और उनके स्थान पर नए कोष आज आते है जिसे पूरा शरीर नई शक्ति से भर उठता है। पाचन शक्ति तेज हो जाती है, पेट साफ हो जाता है तथा आंते, दिल, फेफड़े और यकृत आदि शक्तिवान हो जाते है। body oil massage benefits
जो व्यक्ति शारीरिक रुप से दुर्बल है और वजन स्वाभाविक रुप से कम है, उनको तेल मालिश की करने से बहुत लाभ होता है। उनका शरीर जल्दी-जल्दी तेल सोखने मेँ सक्षम होता है। थोड़े ही दिनोँ के बाद ऐसे लोगोँ का वजन बढ़ने लगता है।
नियमित रुप से प्रतिदिन तेल की मालिश करने से कम वजन वाले व्यक्ति के शरीर का वजन बढ़ जाता है और बुढ़ापा दूर भागने लगता है। बहुत से पुराने रोग जैसे कि अपच, वायु पित्त विकार, बवासीर, अनिद्रा, पुराना मलेरिया, उच्च रक्तचाप आदि रोगोँ मेँ मालिस से काफी फायदा होता है।
बच्चो व बूढों को भी तेल मालिश से बहुत लाभ होता है। सर्दी के दिनोँ मेँ प्रतिदिन धूप मेँ बैठकर तेल मालिश करने से हमारे शरीर को विटामिन डी प्राप्त होता है। गर्भवती स्त्रियोँ को प्रतिदिन कुछ समय धूप मेँ बैठकर तेल की मालिश करनी चाहिए। जिससे उनके शरीर से बच्चो की हड्डी को मजबूत करने के लिए काल्सियम की कमी पूर्ण हो जाती है। किंतु गर्भवती को पेट पर मालिश नहीँ करनी चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से पेट मेँ पल रहे शिशु को चोट पहुंचने का खतरा होता है।
तेल मालिश करने का तरीका
स्नान के पहले तेल को हाथ से शरीर मेँ 2-4 चपाटे लगाकर स्नानघर मे चले जाना ही ठीक नहीँ है। तेल मालिश का ठीक तरीका यह है कि हर रोज एक घंटे के लिए तेल मालिश एवम साथ-साथ व्यायाम करना चाहिए।
जिन व्यक्तियोँ को इतना समय नहीँ मिल पाता है उनको यह चाहिए कि जो भी प्रात काल समय मिले तो वे इस काम को करेँ। तेल मालिश के लिए कुछ समय तो अवश्य चाहिए तभी तो तेल हमारे शरीर मेँ पूर्णतया अब्जार्ब हो पायेगा।
तेल मालिश का हमारा उद्देश्य यहाँ रहना चाहिए की शरीर मेँ तेल अच्छी तरह हे रम जाये और शरीर तेल को पूरी तरह से सोख ले। इसलिए मालिश करते समय मुख्य रुप से घर्षण या रगड़ द्वारा ही यह क्रिया की जाती है। मालिस में साधारणतया सरसो, नारियल, तिल, तथा जैतून के तेल प्रयोग मेँ लाया जाता है। जो व्यक्ति शारीरिक तौर पर दुर्बल हों उनको पहले 2-3 माह जैतून के तेल से मालिश करनी चाहिए इसे बहुत लाभ होता है। यह शरीर मेँ आसानी से सोख जाता है। सरसो का तेल सभी अवस्थाओं मेँ प्रयोग मेँ लाया जा सकता है। परन्तु यदि आप स्नायु से संबंधित रोग से ग्रस्त हो या जिनका स्वभाव हमेशा चिडचिडा रहता हो, उनको नारियल का तेल प्रयोग करना चाहिए।
सावधानी
जो लोग कफ़ प्रधान है उनको नारियल के तेल का उपयोग करना उचित नहीँ है। जिनके शरीर मेँ रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है। अगर वह नारियल के तेल का उपयोग करते हैं। तो दो-तीन दिन मेँ ही उन लोगोँ को सर्दी लगने लगेगी और उनका गला बैठ जाएगा। एसे व्यक्तियोँ को सरसो का तेल हल्का गर्म करके धूप मेँ बैठकर मालिश करना चाहिए। तेल मालिस के बाद लगभग 15 मिनट खुली हवा मेँ टहलना चाहिए इससे कुछ समय मेँ तेल शरीर मेँ सोख जाता है और चमड़ी शुस्ख हो जाती है।
तेल मालिश से निवृत्त होकर हमेशा साबुन लगा कर नहाना चाहिए। ऐसा देखा गया है की बहुत से व्यक्ति इस कारण साबुन नहीँ लगाते कि साबुन लगाने से तेल का असर ख़त्म हो जाएगा। लेकिन इस प्रकार सोचना गलत है, क्यूंकि मालिस के बाद तेल शरीर मेँ शोषित हो जाता है और वह बाहर नहीँ आता।
तेल मालिश के फायदे(Body oil massage benefits)
मोटापा घटाने के लिए उपयोगी
मोटापा घटाने के लिए मालिश करना काफी उपयोगी है यदि आपका पेट और तोंद भर गई है तो आप मालिस करने के बाद उठक-बैठक अवश्य करेँ।
मसाज से बढाएं सेक्स पावर
- मालिश करने से लोगों की सेक्स पावर भी काफी बढ़ जाते है। यह स्त्री और पुरुष दोनों के लिए लाभकारी होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मालिस करने से पूरे शरीर के रक्त संचार सुचारू रूप से होने लगता और यह ही सेक्स पावर बढ़ाने में अधिक सहयोगी होता है।
तेल मालिश से दमकाएँ चेहरा
- मालिश करने से शरीर त्वचा के सभी बंद रोम क्षिद्र खुलने लागतें है। इसके साथ ही त्वचा में रक्त का संचार सुचारू रूप से होने लगता है। जिसके कारण मालिस प्रतिदिन मालिस करने से आपका चेहरा चमकने लगता है।