जानिए कैसे बनाया जा सकता है च्यवनप्राश घर में ही !

how-to-make-chyawanprash-at-home

आप भी घर में इस विधि के द्वारा  च्यवनप्राश आसानी से  बनायें

च्यवनप्राश के लाभ :-

  1. यह भूख बढ़ाने में सहायक होता है I
  2. प्रसन्नता, वर्ण एवं कांति को भी बढाता है  I
  3. वृधावस्ता में नौजवानों सी स्फूर्ति एवं प्रसन्नता का अनुभव करने के लिए शक्ति प्रदान करता है |
  4. जीवनीशक्ति, स्फूर्ति एवं प्रसन्नता बढाने के लिए विटामिन- सी प्रदान करता है |
  5. खाँसी, साँस, वात- पित रोगों को नष्ट कर देता हैI
  6.  बुद्धी एवं स्मरण- शक्ति बढाता है  |
  7.  शुक्र एवं मूत्र दोष को हर लेता है |

सामग्री:-

  1. पका हुआ हरा आँवला –     1 किलो
  2. जड़ी-बूटियों का जौकुट चूर्ण –     300 ग्राम
  3. देसी घी –     100 ग्राम
  4. चीनी –     1.5 किलो
  5. शहद   –     100 से 150 ग्राम
  6. नीम्र सामान का चूर्ण – 100 ग्राम

नीम्र सामान को सामने अंकित मात्रा में धूप में सुखाकर अलग – अलग मिक्सी में बारीकी से  पीस कर कपड़े से छानकर चूर्ण  तैयार करें I

  1. वंश लोचन –     15 ग्राम
  2. छोटी पिप्पली –     12 ग्राम
  3. लौंग –     10 ग्राम
  4. तेजपत्र –     6 ग्राम
  5. दालचीनी –     6 ग्राम
  6. नागकेशर  –     6 ग्राम
  7. इलाइची बीज –     6 ग्राम

ध्यान रहे :- वंशलोचन शुद्ध न मिलने की वजह से उतनी ही मात्रा में प्रवाल, श्रृंगमुक्त शुद्धी को 5-5 ग्राम मिलाकर डालें I

च्यवनप्राश के लिए आवश्यक वस्तुएं  जैसे कि जड़ी – बूटियाँ – जिसका जौकुट चूर्ण बनाया जाता है वे निम्नलिखित हैं |

एक किलो आँवला पर – 7 ग्राम)

  1. बेल छाल, 2. अग्रि मंथ (अछाल), 3. श्योनाक, 4. गम्भारी छाल, 5.पाढ़ल छाल, 6. शालपर्णी, 7. प्रष्टिपर्णी, 8. मुंगपर्णी, 9. माषपर्णी, 10. गोखरू पंचांग, 11. छोटी कटैली, 12. बड़ी कटैली, 13. बला मूल, 14. पिप्पली मूल, 15. काकड़ासिंगी, 16. भुई आँवला, 17. मुनक्का, 18. पुष्कर मूल, 19. अगर, 20. बड़ी हरड़, 21. लाल चन्दन, 22. नीलकमल, 23. विदारी कंद, 24. अडूसा मूल, 25. काकोली, 26. छीर काकोली, 27. ऋद्धी, 28. सिद्धी, 29. जीवक, 30. ऋषभक, 31. मेदा, 32. महामेदा, 33. कचूर, 34. नागरमोथा, 35. पुनर्नवा, 36. बड़ी इलायची, 37. गिलोय, 38. काक नासिका I

इन जड़ी-बूटियों को जौ के बराबर बारीक पीस लीजिये I अगर जड़ी-बूटियाँ उपलब्ध न हों, तो 40 ग्रामअस्रव्गंधा, 40 ग्राम शतावर, 40 ग्राम प्रज्ञापेय लेकर च्यवनप्राश की जड़ी-बूटियों के स्थान पर इनका क्वाथ बनाकर भी सवास्थिक प्राश बनाया जा सकता है I

See also  एलर्जी के लिए अपनाएं कुछ आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे

ध्यान रखें :- 25 से 32 तक की जड़ी-बूटियाँ अगर उपलब्ध नहीं हैं, तब उनकी जगह अस्रव्गंधा, शतावत, विदारी कंद, बहारी कंद का उपयोग उतनी ही मात्रा में कर सकते हैं I

च्यवनप्राश बनाने की विधि :-

  1. जौकुट चूर्ण को 1 किलो पानी में 24 घंटे पहले ही  भिगो दीजिये I
  2. 1 किलो हरा आँवला और आधा किलो पानी को कूकर में रखकर 3 सीटीयाँ दीजिये I फिर कूकर 15 मिनट बाद खोल लीजिये  I
  3. आँवला कूकर से निकालने के बाद दबाकर गुठली अलग करके साथ-साथ ही छलनी में घिसते जाइए | कूकर के जल फेंके नहीं , इसको स्टील के बर्तन में रख लीजिये I पके आँवले का पानी ही मिलाएँ I
  4. आँवले की पिट्ठी को स्टील की छलनी में घिसें जिससे रेशे अलग हो जाएगे I
  5. अगर रेशे न निकाल सकें तो मिक्सर में डालकर पेस्ट बना लीजिये I
  6. रेशे निकले हुए आँवले की पिट्ठी को ऊपर दिए अनुसार घी या तिल तेल और घी में मंदी आँच  पर तब तक तलें, जब तक आँवले की पिट्ठी घी या तेल लगभग पूरा न छोड़ दें I समय-समय पर इसे चलाते रहें I यदि ज्यादा पिट्ठी बन जाती है तो उसे तौलकर एयरटाइट डब्बे में रख दें , यह रेसिपी 1 वर्ष तक भी रखी जा सकती है I
  7. कूकर खाली करते ही च्यवनप्राश चूर्ण को जो 24 घंटे पहले एक किलो पानी में फूलने के लिए रखा था उसे आँवले का निकला पानी मिलाकर धीमी आंच पर  दो घंटे तक उबलने रख दें (यहाँ उदेश्य क्वाथ को धीमे- धीमे उबालने का है, सिटी अवश्य लगी होनी चाहिए I जितनी धीमी आंच पर रहेगा उतना ही अच्छा है I क्वाथ को हल्का ठण्डा होने पर छान लें
  8. छने हुए पानी को लगभग बारह घंटे के लिए रख दें, जिससे कीट नीचे बैठ जाए, ध्यान रहे छने पानी के साथ कीट नहीं जाने पाए, क्योंकि कीट कड़वाहट भर देती है I
  9. छना पानी के साथ 1500 ग्राम शक्कर लेकर थोड़ी देर हलकी आंच पर उबालें, बीच में उबले दूध के हल्के छीटें मार लें जिससे मैल ऊपर आ जाए फिर मैल अलग कर लें I
  10. रखे रहने के कारण भूंजी हुई पिट्ठी में अगर काले रंग की कड़ी पपड़ी नज़र आने लग जाएगी तो पपड़ी को अलग कर मसलकर पिट्ठी के समान चिकना कर पिट्ठी में मिला लें I पिट्ठी को प्रारम्भ से ढककर रखें I जब चासनी 3 तार की तैयार हो जाय तब भुने आँवले की पिट्ठी को चासनी में डाल लें एवं बर्तन को चूल्हे से अलग कर खूब घोंटें I या पिट्ठी को अलग बर्तन में लेकर उसमें 3 तार वाली चासनी डालकर पेस्ट बना लें फिर पेस्ट को चासनी में डालकर एक रस कर लें I
  11. जब गुनगुन (हल्का गरम) हो तब 6 से 12 तक का पाउडर थोड़ा- थोड़ा डालकर घुटाई करें I
  12. जब लगभग ठण्डा हो जाय तब शहद डालकर पूरी तरह मिला लें I
  13. 24 घंटे तक ठण्डा होने हेतु रखें I लगभग ढाई किलो च्यवनप्राश तैयार है I
  14. अगर ज्यादा आँवले का बनाना है तो तदानुपात में अन्य सामग्री भी बढ़ा लें, आँवले का बनाना है तो सामग्री में 3 से गुणा कर जितनी बैठे उतनी सामग्री लेना है, पर चाशनी 3 तार की ही होगी I
  15. च्यवनप्राश ज्यादा गाढ़ा या पतला (नरम) करना है तो चाशनी को क्रमशः थोड़ी गाढ़ी या पतली कर दें I अगर ज्यादा कड़ा हो गया हो तो 3 चम्मच घी+20 चम्मच पानी मिलाकर गर्म कर लें, पानी खौलते ही गाढ़ा च्यवनप्राश उसमें डाल दें I एकसार होते ही उतारकर ठण्डा कर लें I विशेष बना रहे हों तो वंशलोचन की जगह कुछ न डालें I
See also  धमनियों की रुकावट को दूर करने का सरल तथा असरदार घरेलू उपचार!!

नोट :-

  1. अगर घी 125 ग्राम लेंगे तो और भी उतम होगा I
  2. रेशे न निकले च्यवनप्राश को 3 माह में उपयोग कर लेना चाहिए I
  3. यदि हरा  आँवला या पिट्ठी न हो तो सूखे आँवले के चूर्ण से भी च्यवनप्राश बनाया जा सकता है । 

विधि :-

100 ग्राम आँवला के पाउडर को जो एक किलो हरे आँवले के समान है, को गीले आटे के समान गूँथ लें और इसे 12 घंटे रखा रहने दें I फिर इसमें 30 ग्राम घी डालकर मंदी आंच में भुनें (तलें), जब पिट्ठी के समान हो जाए  और लगभग पूरा घी छोड़ दे, उतार लें, पिट्ठी तैयार है I

  1. विशेष बनाने हेतु ढाई किलो च्यवनप्राश में केशर-3 ग्राम, मकरध्वज-4 ग्राम, चाँदी वर्क-10 पते,शुक्ति भस्म-12 ग्राम, प्रवाल भस्म-12 ग्राम, अभ्रक-15 ग्राम I भस्मों, केशर, मकरध्वज को आयु एवं आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार कम भी कर सकते हैं I केशर एवं मकरध्वज अलग- अलग बारीक घोंटकर, फिर भस्म में मिलकर पुनः घुटाई करें I फिर 50 ग्राम शहद को सभी में मिलाएँ इसके पश्चात् च्यवनप्राश में थोड़ा- थोड़ा डालकर मिलावें, 1 दिन बर्तन में खुला रखें फिर डिब्बे में बंद रखें I
See also  खून और वीर्यधातु बढ़ाने के लिए सरल तथा असरदार उपाय !!

पाउडर च्यवनप्राश बनाने की विधि :-

     38 जड़ी- बूटियों के क्वाथ (काढ़ा) में चीनी डालकर पानी सूख जाने तक उबालें और क्वाथ का बूरा (पाउडर) बना लें I पिट्ठी गर्म करके घी निकालकर अलग कर लें फिर पिट्ठी को थोड़ी- थोड़ी हाथ से मलकर बूरा में मिलाएँ I 6 से 12 तक के पाउडर मिला दें I रस भस्म डालना है तो क्वाथ बनाते वक्त ही डाल दें I

नोट :-

बूरा बनाते वक्त घी एवं खटाई बिल्कुल न पड़े अन्यथा बूरा नहीं बनेगा I इसलिए क्वाथ में आँवले का पानी न डालें I

सेवन विधि :-

एक चम्मच प्रातः 7:00 बजे एवं एक चम्मच सायं 4.00 बजे दूध के साथ I

 

डॉक्टर से दवाई मंगवाने के लिए 9041-715-715 नंबर पर कॉल करें।